भारत मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य बनने के बाद अब एक अनोखा कदम उठाने जा रहा है. जिसके तहत भारत अब महाभारत के सुदर्शन चक्र पर आधारित एक मिसाइल बनाने जा रहा है, जिसके लिए तैयारी कर ली गई है.
लक्ष्य भेदकर वापस लौटेगी मिसाइल :
- ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीईओ के अनुसार भारत व दुनिया के पास अभी तक ऐसी मिसाइलें हैं,
- जो लक्ष्य पर प्रहार कर वहीं समाप्त हो जाती हैं,
- परंतु भारत ठीक वैसी मिसाइल बनाना चाहता है,
- जैसे सुदर्शन चक्र दुश्मन पर वार कर वापस लौट आता था.
- कहने का मतलब है कि भारत लक्ष्य भेद कर लौटने वाली मिसाइल पर काम करने की तैयारी कर रहा है.
- बता दें कि भारत अपनी क्षमता के दम पर ही ब्रह्मोस की गति व मारक क्षमता में इजाफा करने में भी सक्षम है.
- हालाँकि अभी ब्रह्मोस की मारक क्षमता 300 किमी है, वहीँ स्पीड 2.08 मैक है.
- आपको बता दें कि एक मैक का अर्थ होता है ध्वनि के बराबर की गति.
- ताजा योजना के अनुसार मिसाइल की गति 5 मैक तक करने की योजना है.
- साथ ही इस पर अगले दो से तीन साल में काम पूरा होने की उम्मीद है.
- बताया जा रहा है कि मिसाइल 10 मीटर तक नीचे आ सकती है.
- साथ ही इतनी देर में दुश्मन टारगेट का मुस्तैद रहना तो दूर अंतिम प्रार्थना करने का भी वक्त नहीं मिलता है.
- बता दें कि इस बेहतरीन मिसाइल को तैयार करने का श्रेय डा. एपीजे अब्दुल कलाम को दिया गया है.