10 सालों के लम्बे इंतजार के बाद अब भारत के सैनिकों को बुलेटप्रूफ जैकेट मिलने का रास्ता साफ़ हो गया। देश की दिग्गज बहुराष्ट्रीय संगठन टाटा समूह की शाखा टाटा एडवांस्ड मटेरियल लिमिटेड से सेना ने करार कर लिया है। टाटा समूह 1,86,000 बुलेटप्रूफ जैकेट बनाएगी सेना के लिए।
अगस्त में मिलेगी पहली खेप:
सेना ने टाटा समूह की शाखा टाटा एडवांस्ड मटेरियल लिमिटेड से 10 सालों के लम्बे इंतजार के बाद करार कर लिया है, जिसके तहत,
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50,000 बुलेटप्रूफ जैकेट मिलेंगी सेना को पहली खेप में।
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जिनकी कीमत 140 करोड़ रुपये होगी।
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खेप की डिलीवरी अगस्त महीने से शुरू हो जाएगी।
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जनवरी, 2017 तक टाटा एडवांस्ड मटेरियल लिमिटेड सभी 1,86,000 बुलेटप्रूफ जैकेट की डिलीवरी कर देगी।
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10 साल से प्रक्रिया ठंडे बस्ते में थी।
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खरीद में देरी की वजह ‘खरीद की जटिल प्रक्रिया’ को बताया गया था।
बुलेट ट्रेन से पहले बुलेटप्रूफ जैकेट:
2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार में मनोहर पर्रीकर के रक्षा मंत्री बनने के बाद से ही देश के रक्षा बजट को बढ़ाया गया, जिसके तहत अनेक महत्वपूर्ण रक्षा सौदों को हरि झंडी दी गयी है। हमारी सेना के पास अपनी कुल क्षमता की 1/4 बुलेटप्रूफ जैकेट भी नहीं हैं, जिस कारण अक्सर छोटी से छोटी मुठभेड़ में भी हम अपनी सेना के बहादुर सैनिकों को खो देते हैं। रक्षा मंत्रालय के इस महत्वपूर्ण फैसले से हमारे देश में बुलेट ट्रेन से पहले इस देश के रक्षकों को ‘बुलेटप्रूफ जैकेट’ मिलेगी।