आप भारत के इतिहास(Indian history) के बारे में कितना जानते हैं? आपकी नजर में भारतीय इतिहास का सबसे बेहतरीन राजा कौन था? इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं, यह एक ऐसा सवाल है जो पक्षपात की सोच को बढ़ावा देता है, लेकिन कई लोग इस सवाल का जवाब चन्द्रगुप्त मौर्य, अकबर, महाराणा प्रताप, शाहजहाँ देंगे, कुछ लोग महानता की इस गाथा में बहुत आगे हैं और औरंगजेब जैसे शासकों को भी महान बना देते हैं, दरअसल सच यह है कि, इतिहास के सबसे महान शासक के रूप में अधिकतर लोग मुग़ल सम्राट अकबर को महानता की श्रेणी में सबसे ऊपर रखते हैं, लेकिन क्या ये सच है?
न अकबर महान, न बाबर(Indian history):
- भारत का इतिहास किसी भी अन्य देश के मुकाबले काफी बड़ा और विस्तृत है।
- देश में कई लोगों को अभी भी अपने इतिहास की सही या पूरी जानकारी नहीं है।
- नई पीढ़ी इस मामले में सबसे 4 कदम आगे हैं।
- खैर, आज बात इतिहास के सबसे महान शासक की हो रही है,
- हम अपने इतिहास को याद करते हैं तो मुगलों के अलावा कुछ न दिखाई देता है और न सुनाई देता है।
- मुगलों में भी सबसे ज्यादा अकबर महान के किस्से सुनने को मिलते हैं।
- लेकिन क्या सच में इतिहासकारों ने जितना बताया है, अकबर वास्तविकता में उतने महान थे?
- मैं अकबर की महानता पर सवाल नहीं उठा रहा, लेकिन क्या हो अगर हमें सच्चाई को आधा देखने को मजबूर किया जा रहा हो?
- इस देश के इतिहास को जिस किसी ने भी सही ढंग से पढ़ा है,
- हर उस व्यक्ति का जवाब यही होगा की अकबर महान नहीं थे।
- बल्कि अकबर वो राजा थे को किसी और राजा के कामों का क्रेडिट लेकर खुद महान बन गए।
इतिहास का वो राजा जिसका क्रेडिट चुराकर अकबर महान हो गए(Indian history):
- भारत के नए लोगों के लिए इतिहास का मतलब मुग़ल और ब्रिटिश शासन ही है।
- लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं और उससे भी कम लोगों को याद है कि, इसी बीच एक और राजा अपने वंश के साथ आया था।
- नाम था, ‘शेरशाह सूरी’।
- वो शेरशाह सूरी जिसके किये कामों का क्रेडिट चुराकर अकबर महान हो गए।
- ये भारत का दुर्भाग्य ही था कि, इतिहास का शायद सबसे महान राजा ज्यादा समय तक राज नहीं कर पाया।
- देश में जो भी शेरशाह सूरी को जानता है उसे उस पर गर्व होता है।
- बिहार राज्य के लोगों के लिए तो शेरशाह बहादुरी का प्रतीक है।
कौन था, महान शेरशाह सूरी(Indian history):
- शेरशाह सूरी का जन्म साल 1486 के आस-पास बिहार में हुआ था, उस वक़्त तक भारत में मुगलों ने पाँव नहीं जमाये थे।
- वैसे भी शेरशाह के जन्म स्थान और साल को लेकर इतिहासकारों में मुक्का-लात होती रहती है।
- शेरशाह के बचपन का नाम फरीद खान था, फरीद के पिता हसन खान बहलोल लोदी के यहाँ काम करते थे।
- ऐसी कई कहानियां है जब फरीद ने अपनी किशोरावस्था में अपने मालिक की रक्षा के लिए शेर को मार डाला था।
- इस कहानी को लेकर भी इतिहासकार अपने-अपने हत्थे से उखड़ जाते थे।
- छोटी उम्र में ही शेरशाह ने अपने बड़े परिवार को छोड़कर जौनपुर के गवर्नर जमाल खान के यहाँ नौकरी कर ली थी।
- जिसके बाद शेरशाह बिहार के गवर्नर बहार खान लोहानी के यहाँ चला गया था, जहाँ उसकी ताकत और बुद्धि को पहचाना गया।
- लेकिन बहार खान से अनबन होने पर शेरशाह सूरी बाबर की सेना में शामिल हो गया था।
- शेरशाह की अक्ल की वजह से बाबर को इब्राहिम लोदी और राणा सांगा को हराया था।,
- जिसके बाद शेरशाह को बिहार का गवर्नर बना दिया गया था।
- गवर्नर बनने के बाद शेरशाह ने बिहार में अपनी ताकत बढ़ानी शुरू की और,
- बाबर की मौत के बाद बिहार को पॉवर सेंटर बनाने की कोशिश शुरू कर दी,
- मुग़ल शासक हुमांयू जहाँ नाजों से पले-बढ़े थे, वहीँ शेरशाह सूरी कई तकलीफों में तपकर यहाँ तक पहुंचा था,
- यही वजह थी कि, हुमांयू को हर बार शेरशाह के हाथों मुंह की खानी पड़ी।
- एक समय ऐसा भी आया था जब हुमांयू को भारत छोड़कर जाना पड़ा था।
शेरशाह की वो बातें जो उसे महान बनाती हैं(Indian history):
- भारत में गुलाम वंश की स्थापना से ही मुस्लिम शासकों के राज करने का सिलसिला हुआ था।
- जिसके बाद देश के हिन्दुओं की दशा बहुत ख़राब थी,
- लेकिन शेरशाह सूरी ही एकमात्र ऐसा राजा था, जिसने कभी भी हिन्दुओं के कत्ल-ए-आम या उन्हें कुचलने की कोशिश नहीं की।
- शेरशाह का राज्य धर्मनिरपेक्षता का सटीक उदाहरण था।
- शेरशाह ने अपने राज्य में प्रशासन को हाई लेवल का रखा था, अकबर से पहले टोडरमल को शेरशाह ने अपना रेवेन्यु मिनिस्टर बनाया था।
- उसके कमांडर का नाम खावस खान था, जो बेहद गरीब व्यक्ति था और जंगल में लोमड़ियों का शिकार करता था, शेरशाह ने उसकी प्रतिभा को पहचाना।
- अकबर द्वारा हिन्दुओं को प्रश्रय देने के चलते मुस्लिम नाराज रहते थे, वहीँ औरंगजेब ने हिन्दुओं का कितनी बार क़त्ल-ए-आम करवाया शायद उसे भी याद न हो,
- लेकिन शेरशाह सच में एक महान राजा था,
- जिसने अपने राज्य में सबको साधकर रखा और कभी कोई साम्प्रदायिकता नहीं होने दी।
- शेरशाह ने पेशावर से कलकत्ता तक जाने वाले GT रोड को बनवाया था,
- खुद अकबर के एक अफसर ने लिखा था कि,
- शेरशाह के राज में कोई सोने से भरा थैला लेकर रेगिस्तान में भी सो जाये तो चोरी-छिनैती नहीं होती थी।
- अकबर के करीबी अतगा खान के बेटे मिर्जा अजीज कोका ने लिखा था कि,
- शेरशाह सूरी ने 5 सालों में जो तरक्की की रोड तैयार की थी, वो आगे भी चलती रही।
- कई इतिहासकार मानते हैं कि, शेरशाह असमय न मरा होता तो आज एक अलग ही भारत देखने को मिलता।
1544 जब भारत का अनोखा भविष्य अँधेरे में डूब गया(Indian history):
- साल 1544 में कालिंजर के शासक कीरत सिंह ने शेरशाह के खिलाफ जाकर रीवा के राजा वीरभान सिंह बघेला को शरण दे दी।
- जिसके बाद शेरशाह ने कालिंजर के किले की महीनों तक घेराबंदी की।
- कहा जाता है कि, हर लड़ाई में शेरशाह खुद ही आगे रहता था,
- कालिंजर के किले बेहद मजबूत माने जाते थे, इसी में के बारूद का गोला किले से टकराकर वापस आया,
- और शेरशाह के खेमे में गिरकर विस्फोट हो गया, जिसमें शेरशाह की मौत हो गयी।
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