भारत देश हमेशा से ही अपनी सेना व सैनिकों को लेकर गौरवांवित रहा है. फिर चाहे वह जल सेना हो थल सेना हो या वायुसेना सबका अपना अपना स्थान है. भारत में हमेशा विविधता में एकता रही है. फिर चाहे वह तीनो सेनायें ही क्यों ना हों जरूरत पड़ने पर तीनो ने एक दुसरे का साथ दिया है. पर क्या आपने कभी सोचा है की इन सेनाओं खासकर जल सेना का जन्म कैसे हुआ ? आइये चलते हैं इतिहास में…
करीब 5,600 साल पुरानी हैं भारतीय नौसेना :
- भारतीय नौसेना सन् 1613 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में इंडियन मरीन संगठित की गई.
- 1685 ई. में इसका नाम बदलकर बंबई मरीन रखा गया जो 1830 ई. तक चला.
- 8 सितंबर 1934 ई. को भारतीय विधानपरिषद् ने भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम पारित किया गया.
- जिसके बाद ही रॉयल इंडियन नेवी का प्रादुर्भाव हुआ.
- द्वितीय विश्वयुद्ध के समय नौसेना का विस्तार हुआ.
- जिसमें अधिकारी तथा सैनिकों की संख्या 2,000 से बढ़कर 30,000 हो गई.
- इसके अलावा बेड़े में आधुनिक जहाजों की संख्या बढ़ने लगी.
- स्वतंत्रताप्राप्ति के समय भारत की नौसेना नाम मात्र की थी.
- विभाजन की शर्तों के अनुसार लगभग एक तिहाई सेना पाकिस्तान को चली गई.
- कुछ अतिशय महत्व के नौसैनिक संस्थान भी पाकिस्तान के हो गए.
- भारत सरकार ने नौसेना के विस्तार की तत्काल योजना बनाई.
- जिसके बाद एक वर्ष बीतने के पहले ही ग्रेट ब्रिटेन से 7,030 टन का क्रूजर खरीदा गया.
- इसके बाद ध्वंसक राजपूत, राणा, रणजीत, गोदावरी, गंगा और गोमती खरीदे गए.
- जिसके बाद सेना को बढ़ावा देने हेतु आठ हजार टन का क्रूजर खरीदा गया, जिसका नामकरण मैसूर रखा गया.
- 1964 ई. तक भारतीय बेड़े में वायुयानवाहक, विक्रांत (नौसेना का ध्वजपोत),
- क्रूजर “दिल्ली” एवं “मैसूर” दो ध्वंसक स्क्वाड्रन तथा अनेक फ्रिगेट स्कवाड्रन थे.
- इसके अलावा इनमें कुछ अति आधुनिक पनडुब्बीनाशक तथा वायुयाननाशक फ्रिगेट सम्मिलित किए जा चुके थे.
- ब्रह्मपुत्र, व्यास, बेतवा , खुखरी, कृपाण, तलवार तथा त्रिशूल नए फ्रिगेट हैं, जिनका निर्माण विशेष रीति से हुआ है.
- इसके अलाव आई एन एस अरिहन्त भारत की नाभिकीय उर्जा पनडुब्बी है.
विश्व में है पांचवा स्थान :
- भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग, भारतीय नौसेना 5600 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जानी जाती है.
- इसके साथ ही यह भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षक भी है.
- 79,023 नौसेनिको से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना है.
- भारतीय नौसेना ना केवल सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाती है.
- बल्कि विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है.
- पिछले कुछ वर्षों से नौसेना लागातार आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है.
- इसके साथ ही अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की दिशा में है.
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