हर साल ठण्ड के मौसम में कोहरे के चलते भारतीय रेल को सबसे ज्यादा नुक्सान और समस्या का सामना करना पड़ता है। बता दें कि पिछले वर्ष भारतीय रेल ने 6600 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला पहले ही ले लिया ।
- लेकिन कोहरा कम पड़ने की वजा से रेल ने 3000 ट्रेनों को वापस चलाया था ।
- रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मुहम्मद जमशेद ने बताया
- पहले से ट्रेनें कैंसिल करने की अपनी इस परिपाटी को रेलवे ने बदलने का फैसला किया है ।
- अब रेलवे ट्रेनों को आँख बंद कर के नही बल्कि
- तत्कालिक परिस्थितियों को समझते हुए सोच विचार कर हालत को देख कर
- ट्रेनों को कैंसिल या डाइवर्ट करने का फैसला करेगा ।
उत्तर भारत की ट्रेनों होती हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
- कोहरे के चलते भारतीय रेल को सबसे ज्यादा नुक्सान और समस्या का सामना करना पड़ता है।
- बता दें कि कोहरे के चलते हर साल भारतीय रेलवे को 250 से 300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है.
- पिछले वर्ष 6600 ट्रेनों को रद्द किये जाने कि घोषणा पहले ही कर दी गई थी।
- रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मुहम्मद जमशेद ने बताया
- इस बार रेलवे पहले से ही कोहरे के सीजन के लिए आंख मूंदकर ट्रेनों को कैसिंल करने की अपनी परिपाटी को बंद करने जा रहा है.
- मेंबर ट्रैफिक के मुताबिक हर साल रेलवे कोहरे के सीजन का सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत में देखा जाता है
- कोहरे की सटीक भविष्यवाणी बहुत पहले से संभव नहीं है
- इस बात को ध्यान में रखते हुए कि है रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन को निर्देश दिया है
- इस निर्देश के अनुसार पैसेंजर ट्रेनों को कैंसिल करने के मामले में रेलवे जोन अपने स्तर पर फैसला करें.
- रलवे जोन ये फैसला ट्रेन के काफी लेट होने और यात्रियों की सुविधा आदि के आधार पर लेंगे.
- जोनल ऑफिस को ये भी निदेश दिए गए हैं कि वो इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी इलाके या सेक्शन में यात्री सुविधा देने वाली सभी ट्रेंने कैंसिल न हों
- एक से ज्यादा जोन से होकर गुजरने वालीरेलगाड़ियों को कैंसिल करने का फैसला खुद रेलवे बोर्ड लेगा
- रेलवे बोर्ड ये फैसला उसी वक्त लेगा जब कोहरे की स्थिति पैदा होगी
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