भारत में शिक्षा का कितना महत्व है ये आप मणिपुर में पानी पर तैरने वाले स्कूल को देख कर जान सकते हैं.मणिपुर में देश का पहला पानी पर चलने वाला स्कूल बनाया गया है.जो लोकटक लेक पर स्थित है.
संयुक्त प्रयासों से इस नयी खोज को लाया गया
- आल लोकटक लेक मछुआरा यूनियन,पीपल रेसोर्से निर्माण संस्था,एनजीओ और
- स्थानीय लोगों के अथक प्रयासों से इस फ्लोटिंग स्कूल का निर्माण किया गया है.
- यह स्कूल इम्फाल से पचास किलोमीटर दूर स्थित है.
- इस स्कूल का उद्घाटन लंगोल्स्लाबी लेइकाई चम्पू खंगपोक मणिपुर के एक गाँव में हुआ.
- अबतक इस स्कूल में पच्चीस बच्चों को दाखिला हो चुका है.
- जबकि दो शिक्षकों की तैनाती की गयी है.
बच्चों के साथ साथ बड़े बुज़ुर्ग भी ग्रहण करेंगें शिक्षा
- राज्य का शिक्षा स्तर बढ़ाने के लिए और लोगों में शिक्षा को लेकर.
- जागरूकता लाने के लिए ये बेहद सकारत्मक कदम है.
- पानी में चलने वाले स्कूल की ख़ास बात ये हैं.
- यहाँ पर बच्चों के साथ साथ बड़े भी शिक्षा ग्रहण करेंगें.
- स्थानीय लोगों का कहना है की हममे से ज्यादातर लोग अनपढ़ है.
- हमारी आय का स्रोत खेती और मछली पर निर्भर करता है.
- बच्चों को अच्छे स्कूलों में भेजना इस तरह से काफी मुश्किल होता है.
- सबकी सहमती से ये प्राथमिक विद्यालय खोला गया.
लोकटक लेक को मणिपुर की लाइफ लाइन कहा जाता है
- लोकटक लेक के आस पास का नज़ारा बेहद सुंदर है.
- ये लेक कई मछुआरों के लिए जीवन का स्रोत है.
- मछुआरे यहाँ पर दिन रात ताज़ी मछली पकड़ने के लिए काम करते हैं.
- लोकटक का जल कई मायनों में उपयोगी है.
- हाइड्रोपावर उत्पादन,खेती और पानी जैसे कई काम आती है लोकटक लेक.
- इस क्षेत्र में भी एवियन वन्य जीवन के लिए पानी की एक महत्वपूर्ण संस्था है.
- इस क्षेत्र में शिक्षा का आभाव देखते हुए स्थानीय लोगों की मदद से इस स्कूल का निर्माण किया गया है.