मणिपुर से इंडियन आर्मी को मिले अतिरिक्त विशेषाधिकार आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) को हटाने की मांग को लेकर लगातार सोलह सालों से अनशन पर बैठी इरोम शर्मिला जल्द अपना अनशन खत्म कर देंगी। इरोम के साथियों ने जानकारी दी कि नौ अगस्त को वह अनशन को तोड़ेंगी। यही नहीं इरोम मणिपुर में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी लड़ेंगी। उल्लेखनीय है कि इरोम को अनशन के दौरान कई बार गिरफ्तार किया गया। उनको जबरन नाक से नली डालकर खाना खिलाया जाता है।
इरोम ने कोर्ट को अपनी इच्छा के बारे में जानकारी दे दी है। बता दें कि अनशन को लेकर चल रहे केस के तहत उन्हें हर 15 दिन में कोर्ट में हाजिरी देनी पड़ती है। उनके साथियों ने बताया कि वे स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहती हैं। बता दें कि इम्फाल के सरकारी अस्पताल में पिछले 16 सालों से उनका एक रूम बुक है।
इरोम का जन्म 14 मार्च 1972 में हुआ। उन्हें आयरन लेडी भी कहा जाता है। वे इरोम नंदा और इरोम सखी देवी के 9 बच्चों में से सबसे छोटी बेटी हैं। इरोम के मापा-पिता कोंगपाल में ही एक ग्रॉसरी की दुकान चलाते थे। वे सिर्फ 12 वीं कक्षा तक पढ़ी हैं, वे आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पॉवर्स एक्ट हटाए जाने की मांग को लेकर 2 नवंबर 2000 से आज तक अनशन पर हैं। 2000 में उस समय अनशन के तीसरे दिन सरकार ने इरोम को अरेस्ट कर लिया था। बता दें कि उन्होंने यह अनशन असम राइफल के जवानों के एनकाउंटर में 10 लोगों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था। तब वे उम्र 28 साल की थीं।
साल 2014 में दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन करने के लिए उन पर साल 2013 में आत्महत्या की कोशिश को लेकर ट्रायल चला था। बाद में कोर्ट ने उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस बात के सबूत नहीं है कि उनका यह प्रदर्शन एक सुसाइड एक्ट है।