8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 रुपये की प्रचलित करेंसी को अमान्य घोषित कर दिया था। इसके बदले 2000 और 500 के नये नोट का संचालन किया गया। नोटबंदी के दौरान इनकम टैक्स विभाग ने पांच लाख रुपए से अधिक की बैंक में जमा करने वाले ऐसे 18 लाख लोगों को अपने ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत एसएमएस तथा ईमेल भेजे थे। जिसके तहत सभी खाताधारकों से डिपॉजिट और श्रोत के बारे में सफाई देने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया गया था। जो अब समाप्त हो गया।
इनकम टैक्स विभाग के घेरे में आये 9 लाख लोग:
- नोटबंदी के बाद संदिग्ध बैंक डिपॉजिट के तहत 18 लाख लोग जांच दायरे में आये थे।
- इसके तहत ऐसे लोगों को एसएमएस और ईमेल भेजकर सवाल पूछे गए थे।
- जिसके जवाब के लिए डिपार्टमेंट ने 15 फरवरी की डेडलाइन दी थी।
- 15 फरवरी 2017 तक पुरानी करेंसी डिपॉजिट के संबंध में 7 लाख लोगों ने इनकम टैक्स विभाग के समक्ष सफाई दी।
- 7 लाख लोगों से जवाब मिलने के बाद 15 फरवरी को सफाई की मियाद खत्म हो चुकी है।
- अब इस मामले में टैक्स विभाग के फंदे में 9 लाख लोग हैं।
कार्रवाई नई टैक्स छूट योजना की अवधि समाप्त होने के बाद:
- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बैंक जमा पर प्राप्त सात लाख जवाबों में मिले आंकड़ों में से 99 प्रतिशत सही मिले है।
- इनकम टैक्स विभाग द्वारा बैंक डिपॉजिट पर ईमेल और एसएमएस से भेजे गये थे।
- जिसमें सवालों का जवाब नहीं देने वालों को अब गैर-सांविधिक पत्र भेजे गए हैं।
- सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 9 लाख खाताधारकों को संदिग्ध कैटेगरी में रखा है।
- अब इन लोगों के खिलाफ अगली कारवाई के लिए तैयारी की जा रही है।
- इनके खिलाफ कार्रवाई नई टैक्स छूट योजना की अवधि समाप्त होने के बाद की जाएगी।
- नई टैक्स छूट योजना की अवधि 31 मार्च को पूरी हो रही है।
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