जम्मू-कश्मीर में एकतरफा युद्धविराम खत्म किए जाने की घोषणा से भारतीय सेना के जवानों का हौसला बढ़ गया है. रमजान में सुरक्षा बलों के हाथ पत्थरबाजों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान बंधे हुए थे लेकिन अब सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ कमर कस ली है और पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.
एक महीने से सेना के हाथ थे बंधे:
सीजफायर खत्म होते ही सोमवार को बांदीपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है, जिसमें सेना ने अभी तक चार आतंकियों को मार गिराया है. उधर, बिजबेहरा इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर के बाद सेना ने इलाके को घेर रखा है।
रमजान के मौके पर किये गये हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने पथराव करने वाले युवाओं की तलाश शुरू कर दी है. सुरक्षा बलों के लिए श्री अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा कड़ी चुनौती है।
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 80 कंपनियां जम्मू-कश्मीर पहुंच गई हैं। इनमें से 30 कंपनियां जम्मू में तैनात की गई हैं। आईजी जम्मू एसडी सिंह जमवाल के अनुसार बेस कैंप में लाइटों का विशेष प्रबंध किया गया है।
राजनाथ द्वारा टटोली गई नब्ज:
बता दें की ईद के अगले दिन ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू और कश्मीर में जारी संघर्ष विराम को खत्म कर दिया था। सरकार द्वारा एक महीने तक युद्ध विराम की घोषणा किए जाने के बाद से राज्य में आतंकी घटनाओं में तेजी देखी गई है.
इसके अलावा 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर केंद्र ने युद्ध विराम की मियाद को आगे ना बढ़ाने का फैसला लिया है इसके साथ ही सेना ने भी केंद्र से युद्ध विराम की अवधि ना बढ़ाए जाने की अपील की थी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने रियासत दौरे के दौरान आतंकवाद निरोधक अभियान पर रोक को लेकर नब्ज टटोली थी. उन्होंने इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों से इनपुट लिए थे। दौरे से लौटने के बाद राजनाथ ने प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपी थी।
औरंगजेब और शुजात की हत्या के बाद स्थिति और विस्फोटक:
सेना के जवान औरंगजेब की अपहरण के बाद बेरहमी से की गई हत्या तथा वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या से स्थिति और विस्फोटक हो गई। इन दोनों घटनाओं के बाद सीजफायर को आगे न बढ़ाए जाने की भाजपा की ओर से भी आवाज मुखर होने लगी थी।