तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ‘अम्मा ‘ के निधन की घोषणा अपोलो हॉस्पिटल में रात 11:30 बजे कर दी गई। बता दें कि पिछले 75 दिनों से अम्मा कि तबीयत ख़राब थी चल रही थी। इस समाचार के बाद पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। जयललिता के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। अपनी चहेती नेता जिसे प्यार से लोग ‘अम्मा’ कहते हैं उनकी आखरी झलक पाने के लिए चेन्नई में इतना बड़ा जनसैलाब उमड़ा पड़ा है जिसे उँगलियों पर गिनना शायद संभव नही है। देश के इतिहास में बहुत कम ही ऐसे राजनेता हुए हैं जिन्हें लोगों ने इतना प्यार और मान दिया है।
तमिलनाडु जैसे पित्रसत्तात्मक राज्य ने जयललिता को दिया देवी और माँ का दर्जा
- जयललिता का तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने के साथ ही वहां का एक नए दौर शुरू होगया।
- जयललिता ने अपने जीवन में बहुत सी यातनाएं भी झेलीं।
- लेकिन इन सब के बावजूब वे अपने लक्ष्य से डिगी नहीं।
- इसके बाद वहां के लोगो की सोच में परिवर्तन की शुरुआत हुई।
- सन 1991 में जयललिता ने पहली बार जीत हासिल कर अपने पद की शपथ ली।
- जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और तमिलनाडु को उनकी देवी मिल गयी थीं।
- उनके जनहित में किये गए अनगिनत काम बार बार उन्हें जीत दिलाले रहे।
- इसके साथ ही अब तमिलनाडु में जया को माँ की तरह देखा जाने लगा था।
- उनके जाने के बाद जैसे एक सदी का अंत तो ज़रूर हुआ है परन्तु वे हमेशा एक देवी की तरह पूजी जायेंगी।
- बता दें कि अम्मा का अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे चेन्नई के मरीना बीच में किया जायेगा।
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