जम्मू कश्मीर में भाजपा ने पीडीपी का साथ छोड़ दिया. जिसके बाद विपक्ष इस बेमेल गठबंधन के 40 महीनों पर जहर उगल रहा है. इस फैसले पर पीडीपी का कहना है कि उसे भाजपा के इस फैसले के बारे में पहले नहीं पता था. इतना ही नहीं भाजपा ने बिना किसी भी संकेत दिए महबूबा को एकदम से चौंका दिया.

सरकार गिरने के बाद पीडीपी क्या नया फॉर्मूला निकालेगी इसके लिए पीडीपी के सभी नेता बैठक कर रहे है. नेशनल कॉन्फ्रेंस भी सूबे में सरकार बनाने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर चुकी है. इसी बीच महबूबा मुफ़्ती ने इस गठबंधन के टूटने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के खिलाफ बिना आक्रमक रवैया किये कहा कि अब किसी दल से गठबंधन नहीं करेंगी.

उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मिलकर कहा- हालात बेहतर: 

भाजपा और पीडीपी का साथ खत्म होने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलने पहुंचे. उम्मीद है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस भी अपने नेताओं के साथ इस परिस्थिति पर चर्चा कर रही है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए राज्यपाल शासन की दुरुस्त तैयारी की बात कही और जल्द हालात बेहतर होने का भरोसा दिलाया है.

अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्यपाल शासन के दौरान पूरा सहयोग करेगी. यहाँ तक की अब्दुल्ला ने उम्मीद भी जताई है कि सूबे में जल्द ही चुनाव की स्थिति बनेगी.

जम्मू–कश्मीर में लगा राज्यपाल शासन

महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफे के बाद अब जम्मू–कश्मीर में राज्यपाल शासन लग चुका है. अब सूबे में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के लिए बहुमत जुटाना काफी मुश्किल है. इसी वजह से जम्मू कश्मीर में स्पेशल प्रोविजन के चलते यहां राज्यपाल शासन लग गया है.

इस दौरान राज्यपाल के कार्यकाल में भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है. कानूनी धारा के अंतर्गत सेक्शन 92 के तहत संवैधानिक तंत्र फेल होने पर यहां राज्यपाल शासन लगता है. इसकी अवधि 6 महीने रहती है लेकिन यदि हालात ठीक नहीं होते तो इसे बढ़ाया जा सकता है.

Live: राज्य को मुसीबत से निकालने के लिए BJP से हाथ मिलाया था: महबूबा मुफ़्ती

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