जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाया जाएगा. हालांकि, आतंकियों की ओर से हमला होने की सूरत में सुरक्षाबल जवाबी कार्रवाई कर सकेंगे. बता दें, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की मांग पर जम्मू-कश्मीर में सशर्त सीजफायर का आदेश जारी किया है.
गृह मंत्री ने दी जानकारी:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को निर्देश दिए हैं कि रमजान के महीने में जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन नहीं होगा. गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती को इस बारे में जानकारी दे दी है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि यदि इस दौरान आतंकियों ने कोई हमला किया तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा.
The Centre asks Security Forces not to launch operations in Jammu & Kashmir during the holy month of Ramzan. Decision taken to help the peace loving Muslims observe Ramzan in a peaceful environment.
HM Shri @rajnathsingh has informed the Chief Minister, J&K of Centre’s decision.— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
बता दें कि कश्मीर के शोपिंया, अनंतनाग, दक्षिण कश्मीर में पिछले महीने में 13 आतंकवादी मारे गए है. इस दौरान A+ कैटगरी के आतंकियों को भी मारा गया है. जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने रमजान के दौरान ऑपरेशन न चलाने के लिए केंद्र से अनुरोध किया था.
महबूबा मुफ़्ती ने आदेश का किया स्वागत:
सीजफायर के आदेश के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि, ‘मैं इस आदेश का स्वागत करती हूं. पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दिया, जिसके लिए उनका धन्यवाद. साथ ही सर्वदलीय बैठक में शामिल होने वाली सभी पार्टी और नेताओं का भी धन्यवाद.’
I wholeheartedly welcome the Ramadan ceasefire & would like to thank @narendramodi ji & @rajnathsingh ji for their personal intervention. My gratitude also to the leaders & parties who participated in the All Party Meeting & helped build consensus towards this announcement. 1/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2018
गौरतलब कि पिछले एक महीने सेना ने कई आतंकवादियों को मार गिराया है. भारतीय सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ दी है.
ऐसे में रमजान के लिए किया गया केंद्र का यह फैसला कहीं ना कहीं आतंकियों के खिलाफ सेना और सुरक्षाबलों द्वारा की गई कार्रवाई में एक तरह से बाधा का काम करेगा. जानकार इस फैसले को सेना का हौंसला गिराने वाला करार दे रहे है.