भाजपा के गठबंधन से अलग होने के बाद महबूबा मुफ़्ती ने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया जिसके बाद अब पीडीपी नेता पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की पहली प्रतिक्रिया आई हैं. पीडीपी की सरकार अब जम्मू और कश्मीर में गिर चुकी है. इसी के साथ किसी अन्य दल के साथ गठबंधन ना करने को लेकर भी महबूबा मुफ़्ती ने एलान किया है.
राज्यपाल को दिया महबूबा मुफ़्ती ने इस्तीफा:
महबूबा मुफ़्ती ने प्रेस वार्ता करते हुए गठबंधन को टूटने को लेकर बातचीत कर रही हैं. उन्होंने कहा, जैसा की आप सभी लोग जानते हैं कि बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद मैंने अपना इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने कहा कि हमने बहुत सोच समझ कर उनके साथ हाथ मिलाया था. कई लोग इसके खिलाफ थे लेकिन हमने जम्मू और कश्मीर की भलाई के लिए गठबंधन किया था. हमे महीनो लग गये थे तालमेल बिठाने के लिए.
इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू कश्मीर को मुसीबत से निकालने के लिए हाथ मिलाया था.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में डराने-धमाने वाली नीति नहीं चलेगी.
हमने 11 हजार नौजवानों के खिलाफ केस वापस लिए.
राज्य में शांति के लिए गठबंधन किया था
शांति और कश्मीर की भलाई के लिए काम करते रहेंगे.
हमने अपना एजेंडा पूरा किया. सीजफायर रोका.
पाकिस्तान से शांतिपूर्ण रिश्ते बनाने को लेकर काम किया.
किसी अन्य दल के साथ गठबंधन कर सरकार में आने के सवाल पर पीडीपी प्रमुख ने कहा कि किसी का समर्थन नहीं चाहिए. अब किसी के समर्थन से सरकार में नही आयेंगे.
2015 में गठबंधन में आये थी बीजेपी और पीडीपी:
बता दें कि दिसंबर 2014 में जम्मू कश्मीर में विधान सभा चुनाव हुए, जिसके बाद PDP सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई. चुनाव में PDP को 28 सीटें मिली. 25 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर थी. जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली.
बहरहाल सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. ऐसे में जम्मू कश्मीर में 49 दिनों तक गवर्नर का शासन रहा. जिसके बाद 1 मार्च 2015 को PDP और BJP ने गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया.
आज भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए पीडीपी के साथ गठबंधन खत्म कर दिया है.