कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस करनन पर कोर्ट की अवमानना मामले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा छह माह की जेल की सज़ा सुना दी गयी थी. जिसके बाद से वे अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए कही जा छिपे हैं. परंतु आज उनके एक वकील द्वारा कोर्ट में इस मामले में राहत पाने की मांग की है.
एडवोकेट मैथ्यू नेथुम्पारा ने पेश किया वकालतनामा :
- कोर्ट की अवमानना मामले में देश के उच्चतम न्यायालय ने बीते दिनों एक निर्णय दिया था.
- बता दें कि यह निर्णय एक ऐतिहासिक निर्णय था क्योकि इसमें एक वर्तमान जस्टिस को सज़ा सुनाई गयी थी.
- बता दें कि ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी वर्तमान न्यायाधीश को सज़ा सुनाई गयी हो.
- आपको बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस करनन को कोर्ट द्वारा छह माह की जेल की सज़ा सुनाई गयी है.
- जिसके बाद कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी आदेश के तत्काल प्रभाव से जारी होने के साथ तय कर दी थी.
- परंतु वे अभी तक गिरफ्तार नहीं किये जा सके हैं साथ ही पुलिस द्वारा उनकी तलाश की जा रही है.
- वहीँ इसी बीच अधिवक्ता मैथ्यू नेथुम्पारा द्वारा अदालत में जस्टिस करनन की तरफ से राहत की मांग की गयी थी.
- जिसके बाद कोर्ट द्वारा उन्हें यह साबित करने के लिए कहा गया कि वे जस्टिस करनन से वकील हैं या नहीं.
- इस दौरान अधिवक्ता द्वारा एक वकालतनामा पेश किया गया और जस्टिस करनन के लिए अदालत से राहत की मांग की गयी.
- गौरतलब है कि जस्टिस करनन द्वारा बीते समय में सुप्रीम कोर्ट के साथ न्यायाधीशों के खिलाफ आदेश जारी किया गया था.
- यह आदेश एससी / एसटी अत्याचार अधिनियम 1989 के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर सुनाई गयी थी.
- सज़ा के तौर पर इन सभी न्यायाधीशों के खिलाफ पांच साल की जेल की सज़ा सुनाई गयी थी.
- जिसके बाद उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें एक नोटिस भेजा गया था.
- परंतु उनके कोर्ट में पेश ना होने के चलते उनपर कोर्ट की अवमानना का मामला डर कर दिया गया.