देश में बहुत कम राज्य बचे हैं जहाँ पर कांग्रेस सत्ता में हैं। पंजाब के बाद कर्नाटक सबसे बड़ा राज्य जहाँ पर कांग्रेस सत्ता में बनी हुई है। यहाँ पर अगले महीने विधानसभा चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग ने किया है। इस चुनाव में कांग्रेस जहाँ मुख्यमंत्री सिद्धार्मैय्या के चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ रही है तो वहीँ भाजपा की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष येदियुरप्पा को आगे किया गया है और मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया है। इस विधानसभा चुनाव के पहले इंडिया टुडे- कार्वी इनसाइट्स ने राज्य में अपना ओपिनियन पोल किया है जिसमें कई हैरान कर देने वाले नजारे देखने को मिल रहे हैं।
कांग्रेस की सीटों में हो सकते है कमी :
कर्नाटक राज्य में 17 मार्च से 15 अप्रैल के बीच सभी 224 सीटों पर कराए गए ओपनियन पोल के नतीजों के मुताबिक, कांग्रेस 90-101 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस ने 2013 के विधानसभा चुनावों में 122 सीटें हासिल कर राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। यहाँ भाजपा उसे कड़ी टक्कर देती हुई दिख रही है मगर फिर भी उसके खाते में सिर्फ 78-86 सीटें आती हुई दिख रही हैं। भारतीय जनता पार्टी को 2013 में सिर्फ 40 सीटें मिली थीं। हालाँकि उस दौरान बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा से अलग अपनी पार्टी केजेपी (कर्नाटक जनता पार्टी) बनाकर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार वह भाजपा की ओर से लड़ रहे हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।
त्रिशंकु विधानसभा बनने के आसार :
भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक विधानसभा चुनावों में 35 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं राज्य में तीसरी सबसे बड़ी ताकत जनता दल (सेक्युलर) अपने सहयोगी दलों के साथ 34-43 सीटें जीत सकती है। पिछले चुनाव में जद(एस) को 40 सीटें मिली थीं वहीँ अन्य को 4-7 सीटें मिल सकती हैं। इस बार के विधानसभा चुनावों के लिए जनता दल सेक्युलर ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था जिसे पिछले चुनाव में कोई सीट नहीं मिली थी।