कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 शनिवार सुबह से यूपी पीएसी और कर्नाटक पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया। मतदाता सुबह से ही उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए अपने- अपने घरों से निकल चुके हैं। राज्य के 4.97 करोड़ मतदाता 2600 से ज्यादा प्रत्याशियों की किस्मत का बटन दबाने के लिए कतार में लगे हुए थे। राज्य की 224 में से 222 सीटों पर मतदान जारी हैं। सुबह 7:30 बजे से मतदान शुरू हो गए, इससे पहले ही यूपी पीएसी के अधिकारियों ने सुरक्षा जवानों के साथ हर बूथ पर तैनाती ले रखी थी। जगह जगह बूथों पर मतदाता लंबी कतार में खड़े दिखाई दे रहे हैं, वहीं इनकी सुरक्षा में पीएसी जवान लगे हुए हैं, जो कड़ी निगरानी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘मैं कर्नाटक के अपने भाई और बहनों से आग्रह करना चाहता हूं कि वो आज बड़ी संख्या में मतदान करें। मैं खासतौर से युवा साथियों से कहना चाहता हूं कि वे मतदान करें और लोकतंत्र के इस त्योहार को अपनी भागीदारी से समृद्ध बनाएं।’ बंगलूरू: बीटीएम निर्वाचन क्षेत्र में स्थित दोमासंद्रा बी मुनरेड्डी स्कूल में स्थित मतदान केंद्र में वोटिंग करते मतदाता।
भाजपा के बी श्रीमालू ने अपना वोट देने से पहले गौ पूजन किया। वह बदामी से वर्तमान सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मैदान में हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सदानंद गौड़ा पुत्तूर विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया। हुबली के बूथ नंबर 108 पर खराब वीवीपैट को बदला गया है। जल्दी ही यहां पर मतदान शुरू हो जाएगा। भाजपा के सीएम कैंडिडेट बीएस येदियुरप्पा ने वोट डाला। बता दें कि कर्नाटक चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है, अगर मतदाताओं ने 33 साल से चली आ रही सत्तारूढ़ दल को हटाने की परंपरा तोड़ी तो कर्नाटक में कांग्रेस सरकार वापसी करेगी।
गौरतलब है कि 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में जनता दल ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। इसके बाद कोई भी पार्टी ऐसा कर पाने में सफल नहीं हुई। इसी बीच जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने जयनगर के श्री अदिचुनचानगिरी महासमस्थान मठ के निर्मलानंदानाथ महास्वामी से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे। भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कर्नाटक के बंगलूरू में रेड्डीजना संघा के कोरमंगला में अपना वोट डाला।
ज्यादातर सर्वेक्षणों के मुताबिक, इस बार राज्य में कांग्रेस और भाजपा मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं, जबकि जद (एस) किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रहा है। कांग्रेस पंजाब के बाद दूसरे बड़े राज्य में अपनी सरकार बचाने का संघर्ष कर रही है, तो भाजपा एक और राज्य की सत्ता पर काबिज होने की जद्दोजहद में है। एक दशक से राज्य की सत्ता से बाहर जद (एस) अस्तित्व को बचाए रखने की कोशिश कर रहा है।
भाजपा 2008 से 2013 तक राज्य की सत्ता पर काबिज रही, लेकिन अंदरूनी कलह और भ्रष्टाचार के मामलों के कारण कर्नाटक को स्थिर सरकार नहीं दे पाई। पांच साल में बने तीन सीएम में एक बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल भी जाना पड़ा था। सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि इतिहास उनके खिलाफ है, लेकिन वह इतिहास रचेंगे। सिद्धारमैया समेत चार पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव मैदान में हैं।
भाजपा ने इतिहास को दोहराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। पार्टी ने अपना प्रचार अभियान 150 सीटों के लक्ष्य के साथ शुरू किया। हालांकि, ये दीगर बात है कि बृहस्पतिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 130 सीटों पर जीत का दावा किया। 2013 के उलट केजेपी बनाने वाले येदियुरप्पा और बीएसआर कांग्रेस का गठन करने वाले बी. श्रीरामुलु इस बार भाजपा के साथ हैं। भाजपा के लिए पीएम ने खुद अभियान की कमान संभाली तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी आक्रामक नजर आए।
मतदान के लिए राज्य में बनाए गए 55,600 पोलिंग स्टेशनों की सुरक्षा के लिए साढ़े तीन लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। पहली बार चुनिंदा पोलिंग स्टेशनों पर दिव्यांग कर्मी भी तैनात किए गए हैं। वहीं, एक नई व्यवस्था के तहत मतदाता एक मोबाइल एप डाउनलोड कर पता कर सकता है कि उसके पोलिंग बूथ पर कितनी लंबी कतार है। राज्य के 4 करोड़ 96 लाख से ज्यादा मतदाताओं में 2.52 करोड़ पुरुष, 2.44 करोड़ महिलाएं और 4,552 किन्नर हैं।
वोटिंग 7 बजे से शुरू हो गया है और शाम 6 बजे तक चलेगा। आज 224 में से 222 सीटों के लिये चुनाव होगा। एक सीट पर बीजेपी प्रत्याशी की मौत के बाद मतदान स्थगित कर दिया गया है। बंगलोर की राजेश्वरी विधानसभा सीट पर भी मतदान रद्द कर दिया गया है। यहां पर एक घर से करीब 10,000 वोटर आईडी पाई गई हैं। बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाया है।
अगर कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव हारती है तो पार्टी के लिए 2019 में एनडीए के खिलाफ मजबूत गठबंधन बना पाने में सबसे बड़ी मुश्किल होगी। कांग्रेस की अभी पंजाब, पुदूचेरी और मिजोरम में सरकार है। बीजेपी के लिये भी ये चुनाव काफी अहम है। अभी वह देश के 21 राज्यों में चला ही है और लगभग 70 फीसदी आबादी पर उसका शासन है। लेकिन दक्षिण में उसकी स्थिति कमजोर है जहां से 130 सांसद आते हैं।
सीएम सिद्दारमैया चामुंडेश्वरी और बादामी से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को दोनों ही सीटों पर बीजेपी और जेडीएस से कड़ी टक्कर मिल रही है।बदामी से बीजेपी ने कद्दावर नेता बी. श्रीरामुलू को मैदान में खड़ा किया है। कांग्रेस ने इस चुनाव में दलित, मुस्लिम और कुरुब वोटरों को लुभाने की कोशिश की है। कांग्रेस सरकार ने इस चुनाव को देखते हुये एक विवादित फैसला भी लिया है जिसमें उसने कर्नाटक का अलग झंडा बनाने का ऐलान किया है, इसके अलावा कन्नड़ भाषा पर जोर और लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा दिया है। कर्नाटक की खास बात ये है कि साल 1985 से यहां किसी भी सरकार ने पांच साल बाद दोबारा वापसी नहीं की है।
बीजेपी ने कर्नाटक में साल 2008 से 2013 तक शासन किया है। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा. तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा को जेल तक जाना पड़ा था। साल 2013 में हुये चुनाव के दौरान बीएस येदियुरप्पा ने अलग पार्टी बना ली और कांग्रेस ने इसका फायदा उठाया और 122 सीटें जीतकर सरकार बना ली। बीजेपी ने एक बार फिर से येदियुरप्पा को सीएम पद का दावेदार बनाया है और वह शिकारीपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं।