तमाम सर्वे में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे त्रिशंकु होने का अनुमान सामने आया है. लेकिन सट्टा बाजार कुछ और ही कहता है, सट्टा बाजार में ज्यादातर बुकी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा पर दांव लगा रहे हैं.
12 मई को कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में सट्टा बाजार एक बार फिर सक्रिय हो गया है। राज्य में चुनाव से पहले आए कई प्री पोल सर्वे में त्रिशंकु विधानसभा की बात कही जा रही है। लेकिन सट्टेबाज का मानना है कि राज्य में भाजपा की सरकार बन रही है। सट्टा बाजार में कर्नाटक चुनाव पर सट्टेबाजों ने लगभग 800 करोड़ रुपए दांव पर लगाए हैं। हालांकि कांग्रेस के पक्ष में भी सट्टेबाजी काफी मजबूत दिख रही है।
सट्टा बाजार में भाजपा का भाव:
सट्टेबाजी के पहले दौर में, सट्टेबाजों ने भाजपा के लिए 10 पर 11 का भाव लगा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अगर हर बीजेपी को 113 सीटें मिलेंगी तो प्रत्येक 10 रुपये के बदले 11 रुपये मिलेंगे। यानी भाजपा की जीत होने पर पैसा लगाने वाले को 10 के बदले 21 रुपये मिलेंगे। सट्टेबाजों की दूसरी पसंद कांग्रेस है। कांग्रेस की जीत पर दाव लगाने वाले को अगर पार्टी जीतती है तो 10 के बदले 25 रुपये मिलेंगे।
भाजपा की हो सकती है राज्य में वापसी:
सट्टेबाजों की तीसरी पसंद जेडीएस है। सट्टा बाजार में उस पर 10 के बदले 60 रुपये मिल सकते हैं। हालांकि जेडीएस की जीत की उम्मीद बहुत कम है। सट्टा बाजार में भाजपा ने नाम पर कम रिर्टन का मतलब सट्टेबाज भी मानते हैं कि भाजपा की राज्य में वापसी हो सकती है। ओपिनियन पोल के बाद भाजपा के भाव में 96 पैसे की गिरावट आई है।
प्री पोल सर्वे के बाद टूटा भाजपा का बाजार
सट्टा उद्योग से जुड़े एक शख्स ने बताया कि शुरुआती सट्टे में भाजपा का भाव 10 पर 11 का था, लेकिन प्री पोल सर्वे के बाद अधिकतर लोग भाजपा की जीत पर दाव लगा रहा हैं। सट्टेबाज भी मानें तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। जिसके चलते सट्टा बाजार में भाव के रेट में गिरावट हुई है। बता दें कि ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 90 से 101 सीटें और भाजपा को 78 से 86 के बीच सीटें मिलने की उम्मीद लगाई गई थी।