पिछले काफी समय से कावेरी जल विवाद कर्नाटक सरकार के लिए समस्या बनी हुई है। इस जल विवाद को लेकर अब सरकार सुप्रीम कोर्ट का दिया गया आदेश मानने को भी तैयार नहीं है।
फैसला मानने में जताई असमर्थता :
- सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सर्कार को तमिलनाडु के लिए रोजाना 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था।
- परन्तु कर्नाटक सरकार सर्वोच्च अदालत से इस फैसले में संशोधन की अपील हेतु फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
- कनार्टक सरकार ने कहा कि उसके जलाशयों में पर्याप्त पानी न होने के कारण वह पानी छोड़ने में असमर्थ है।
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- कुछ दिन पहले कर्नाटक विधानसभा के सत्र में इससे सम्बंधित एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
- इसके अनुसार पानी का उपयोग सिर्फ पेयजल के लिए होगा और इसे किसी दूसरे मकसद के लिए नहीं दिया जाएगा।
- न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने केंद्र सरकार को कावेरी प्रबंधन बोर्ड बनाने को कहा था।
- इसके गठित होते ही अधिसूचना के साथ सर्वोच्च न्यायालय को रपट देने का निर्देश दिया था।
- देखना होगा सरकार के इस जवाब पर कोर्ट द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।
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