फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ. फिल्म रिलीज के पहले पूरे देश से हिंसा की खबरें सामने आयीं. इनमें तोड़फोड़ और आगजनी की भी घटनाएं भी हुईं. सिनेमा घरों में करणी सेना तोड़ फोड़ मचा रही थी और उस दौरान कई जगह करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की भी कोशिश की. वहीँ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीजेपी शासित राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात और सबसे ज्यादा राजस्थान में विवादास्पद फिल्म पद्मावत रिलीज नहीं हो सकी थी. लेकिन अचानक करणी सेना ने विरोध वापस लेने का फैसला कर लिया और कहा कि मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में रिलीज़ हो.
करणी सेना को नहीं दिखी पद्मावत में कोई बुराई:
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नेता योगेंद्र सिंह कटार ने कहा- सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह के निर्देशों के बाद ऐसा किया गया है. करणी सेना के कुछ सदस्यों ने मुंबई में शुक्रवार को फिल्म देखी और पाया कि फिल्म में राजपूतों के बलिदानों और उनकी वीरता का वर्णन किया गया है. हर राजपूत को इस फिल्म को देखने के बाद गर्व महसूस होगा. सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक पत्र भी वायरल हो रहा है.
करणी सेना ने किया करोड़ों की सम्पति का नुकसान
वहीँ अब इतनी आगजनी और तोड़फोड़ करने के बाद फिल्म देखकर संतुष्ट दिखाई देने वाली करणी सेना के मंसूबों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. फिल्म अगर पहले देख लेते तो शायद करोड़ों की सम्पति का नुकसान नहीं होता. सरकारें भी उनको रोकने में सफल नहीं हुईं और राजस्थान के साथ एमपी के सीएम तो सुप्रीम कोर्ट में जा पहुंचे थे कि फिल्म रिलीज़ न हो सके लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी. संजय लीला भंसाली लगातार कहते रहे कि पहले फिल्म देख लें एक बार उन्होंने इसको स्वीकार किया और वहीँ अगले दिन ही उससे मुकर गए.
पद्मावत: वाराणसी के सिनेमाहॉल में दर्शक कम, सुरक्षाकर्मी ज्यादा
कालवी का दावा- नकली करणी सेना दे रही है हरी झंडी
उन्होंने कहा है कि वे अब भी पद्मावत के पूर्ण बैन की मांग पर कायम है. लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि करणी सेना की कई डुप्लीकेट कॉपियां है जो इस तरह के बयान देती रहती है. कालवी ने कहा है कि इस फिल्म के विरोध और बैन को लेकर वे अब भी केन्द्र सरकार से सम्पर्क में है. गौरतलब है कि शुक्रवार से श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र वॉयकॉम 18 व भंसाली प्रोडेक्शन को लिखा गया है, जिसमें पद्मावत फिल्म को बेहतरीन बताया गया है और रिलीज की बात कही गई है.
वसुंधरा राजे को करणी सेना ने दिया झटका
जिस समय राजस्थान में पद्मावत रिलीज होते ही उपद्रवियों का विरोध प्रदर्शन ओर हंगामा जारी था ओर और करणी सेना के नेता राज्य में खुलेआम घूम रहे थे. उस समय राजस्थान की सीएम ‘वसुंधरा राजे सिंधिया’ पूरा दिन अलवर में मौजूद थी. राजस्थान पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले लोगों को हिरासत में नहीं लिया. अगर किसी व्यक्ति की वजह से कानून-व्यवस्था को खतरा हो जाता है, तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है, लेकिन ये राजस्थान में होता दिखाई नहीं दे रहा था. \
कड़ी सुरक्षा के बीच कानपुर में रिलीज़ हुई फिल्म ‘पद्मावत’
उपचुनाव में किया करणी सेना ने कांग्रेस का समर्थन
राजपूत करणी सेना ने ‘पद्मावत’ के मुद्दे पर शुरू से लेकर अंत तक सख्त तेवर अपनाए रखा. राजपूत वोटरों को लुभाने के लिए करणी सेना के खिलाफ राज्य सरकार ने नरम रुख अपनाए रखा. यहाँ तक कि वसुंधरा राजे सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर भी पहुँच गईं. उसकी जड़ में सिर्फ यह उपचुनाव ही थे. मगर वहां की बीजेपी सरकार के इस हथकंडे को भी तीन सीटों की जनता ने नकार दिया और उपचुनाव में कांग्रेस के साथ जाना ही मुनासिब समझा. करणी सेना ने ऐलानिया तौर पर कहा था कि उपचुनाव में वो बीजेपी के खिलाफ वोट कर सबक सिखायेंगे और चुनाव परिणाम आने के बाद करणी सेना ने यही कहते हुए जश्न भी मनाया कि अगर बीजेपी संभली नहीं तो ऐसे परिणाम ही विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेंगे.
यूपी में कड़ी सुरक्षा के बीच दिखाई गई फिल्म
कानपुर में कड़ी सुरक्षा के बीच सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्सेस में फिल्म पद्मावत रिलीज हो गई जहाँ पहला शो हुआ शुरू हुआ. लोगों में उत्सुकता के साथ डर का माहौल भी था लेकिन पुलिस की मौजूदगी में लोगों को फिल्म देखने में दिक्कत नहीं हुई. बता दें कि, कई जिलों में कानून-व्यवस्था को लेकर पद्मावत के रिलीज़ को रोका गया था और अब उन जिलों में फिल्म धीरे-धीरे रिलीज़ हुई. राजधानी लखनऊ में भी ऐसा ही माहौल देखने को मिला था लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण करणी सेना की एक न चली और लोगों ने फिल्म देखी.
गुरुग्राम में स्कूल बस पर बच्चों पर फेंके थे पत्थर:
पद्मावत पर जबरदस्त विवाद के चलते कुछ उपद्रवियों ने गुरुग्राम में एक स्कूली बस पर हमला बोल दिया था. हालांकि करणी सेना ने इस मामले में आरोपों को खारिज किया था . गुरुग्राम के जीडी गोयनका स्कूल की इस बस पर उपद्रवियों ने तब पथराव किया, जब उसमें बच्चे भी मौजूद थे. आपको बता दें कि बस में आग लगाने की कोशिश भी की गई थी. हालांकि बाद में पुलिस और भीड़ से निकले कुछ युवाओं के विरोध के बाद उपद्रवी वहां से फरार हो गए. इस दौरान बस में कुछ बच्चों को मामूली चोटें भी आई हैं.