अगले साल होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनावों को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी विज्ञापनों के साथ ही एक नया पैंतरा आजमाया है। मालूम हो कि पंजाब के वोटरों से जुड़ने के लिए अरविंद केजरीवाल आजकल पंजाबी सीख रहें हैं। कुछ दिन पहले ही सिर पर पगड़ी बांधकर पंजाब में रैली करने वाले केजरीवाल आने वाले दिनों में पंजाबी भाषा में जनसभाओं को संबोधित करते नजर आ सकते हैं।
- केजरीवाल ने खुद ही स्वीकार किया कि पंजाब के लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ने के लिए वे गुरमुखी सीख रहें हैं।
- केजरीवाल का मानना है कि पंजाबी सीखने से जहां राज्य के लोगों की नब्ज को सही से पकड़ा जा सकेगा। वही, उनका सांस्कृतिक और सामाजिक स्थिति को भी समझने में आसानी होगी।
- अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में जीत पर नजरें गड़ाए केजरीवाल का कहना है कि बिना भाषा की समझ या स्क्रिप्ट के भी चुनावी जीत हासिल की जा सकती हैं, लेकिन इस तरह से हम जनता से नहीं जुड़ पायेंगे।
- बताया जा रहा है कि केजरीवाल गुरूमुखी को सिर्फ बोलना ही नहीं बल्कि लिखना और पढ़ना भी सीख रहें हैं।
- आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक मानते है कि अगर वे पंजाब की सत्ता पर काबिज हुए तो इसका उन्हें जरूर लाभ मिलेगा।
- वहीं, आप नेता ने कहा कि पंजबा मे पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए वह खुद को मानसिक रूप से तैयार कर रहें हैं।
टेस्ट में भी हो रहें हैं शामिलः
- अरविंद केजरीवाल ने बताया कि भाषा पर उनकी पकड़ सिर्फ एक दिन में नहीं आई, इसके लिए उन्होंने दो महीने कड़ी मेहनत की है।
- उन्होंने कहा, ‘मैं रोजाना दो घंटे पंजाबी सीखने में लगा रहा हूं, बीते दो महीनों से यह लगातार प्रैक्टिस में शामिल है।
- वह गुरमुखी सीखने के लिए लगातार क्लासेज ले रहे हैं और टेस्ट में भी शामिल हो रहे हैं।