भारतीय राजनीति के इतिहास कई ऐसे राजनैतिक हस्तियां हैं जो न सिर्फ अपने राजनीति के लिए जाने जाते हैं बल्कि राजनीति के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप के कारण सुर्खियों में रहे हैं। हम आपको बताते हैं भारत के वो चर्चित राजनेता, जिनपर राजनीतिक जीवन के दौरान लगे आय से अधिक संपत्ति के आरोप। इसमें से कुछ लोगों को सजा भी मिली है।
वीके शशिकला (तमिलनाडु)
- तमिलनाडु की राजनीति में मची आपा-धापी के बीच ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वीके शशिकला को लगा करारा झटका।
- 14 फरवरी 2017 कोआय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला को दोषी करार दिया है।
- शशिकला को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साल की सजा सुनाई गई है।
- शशिकला देश की पहली ऐसी बड़ी नेता नहीं हैं जिन्हें सजा की वजह से कुर्सी का मोह छोड़ना पड़ा है।
2. जयललिता (तमिलनाडु)
- तमिलनाडु में लोगों की अम्मा कही जाने वाली द्विंगत मुख्यमंत्री जयललिता हैं।
- 27 सितंबर 2014 को जयललिता को 1991 से 96 के अपने कार्यकाल के दौरान सत्ता के दुरुपयोग का दोषी पाया गया।
- जिसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा, उन्हें 66.65 करोड़ की राशि अवैध रूप से हासिल करने का दोषी पाया गया।
- बाद में कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया और फिर से उन्हें सत्ता मिल गई.
- 1998 में जयललिता और उनकी सहेली शशिकला समेत कई लोगों का नाम तानसी जमीन घोटाले में सामने आया।
- इस मामले में जयललिता को दो साल की जेल हुई थी और 2001 में उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा और वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकी थीं.
3. ओम प्रकाश चौटाला (हरियाणा)
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पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला पर सीबीआई ने अप्रैल 2006 में दिल्ली की एक अदालत में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।
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सीबीआई के मुताबिक चौटाला के पास उनकी आय से अधिक संपत्ति मिली थी।
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सीबीआई ने चौटाला परिवार के दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल और चंडीगढ़ स्थित 24 परिसरों में छापेमारी की थी।
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आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में सीबीआई ने चौटाला परिवार के खिलाफ 1467 करोड़ रुपये की संपत्ति का चार्जशीट दायर किया था।
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इनपर जूनियर बेसिक ट्रेंड शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार और अन्य आरोप भी लग चुके हैं।
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ओम प्रकाश चौटाला ऐसे गिने चुने नेताओं में शुमार हो गए हैं जिन्हें किसी आरोप में दोषी करार दिया गया हो।
4. हरिनारायण राय (झारखंड)
- जनवरी 2017 में हरिनारायण राय को मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनायी है।
- कोर्ट ने मामले में उनपर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.
- आपको बता दें कि हरिनारायण राय झारखंड के मधुकोड़ा सरकार में मंत्री पद पर रह चुके हैं।
- हरिनारायण राय आय से अधिक संपत्ति मामले में पांच वर्ष की सजा काट रहे हैं।
- उनपर करीब 4.83 करोड़ की मनी लाउड्रिंग करने का आरोप है।
5. छगन भुजबल (महाराष्ट्र)
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री छगन भुजबल भी इस सूची में शुमार हैं।
- उनपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में चल रहा है।
- इस मामले में फरवरी 2015 में मख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में भुजबल और उनके परिजन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच को मंजूरी दी।
- दिल्ली के महाराष्ट्र सदन और मुंबई की दो अन्य इमारतों के निर्माण के मामले में भुजबल और उनके परिजन के खिलाफ पहले ही एसीबी जांच चल रही है।
6. वीरभद्र सिंह (हिमाचल प्रदेश)
- हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ सितंबर 2015 में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक मामला दर्ज है।
- शिमला में उनके आवास सहित राज्य में 11 स्थानों कि साथ दिल्ली स्थित आवास पर भी छापमारी हुई.
- आरोप है कि संप्रग सरकार में इस्पात मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने 2009 से 2011 के बीच 6.1 करोड़ रूपये की संपत्ति अर्जित की।
- आरोपों के मुताबिक सिंह ने केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए अपने और अपने परिजन के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एलआईसी एजेंट चौहान के माध्यम से 6.1 करोड़ रूपये का निवेश किया।
- इस मामले में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पुत्री अपराजिता सिंह और एक एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ भी प्राशमिकी दर्ज है।
7. लालू यादव (बिहार)
- बिहार सुप्रसिद्ध नेता लालू यादव भी आय से अधिक मामले में अछूते नहीं हैं।
- उनपर आरोप था कि वर्ष 1990 से 1996 के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहते उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
- आय से अधिक मामले में पत्नी राबड़ी देवी को सह आभियुक्त बनाया गया था।
- हालांकि इस मामले में 18 दिसंबर, 2006 को सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव और राबड़ी देवी को बरी कर दिया था।
- लालू यादव चारा घोटाले में भी पांच साल की सजा पा चुके हैं जिस कारण चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं।
- हालांकि लालू अभी भी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पर्दे के पीछे से मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय हैं।
8. राकेशधर त्रिपाठी (उत्तर प्रदेश)
- बीएसपी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी के ऊपर आरोप के मुताबिक मई 2007 से दिसंबर 2011 तक उनकी कुल अर्जित आय 45 लाख 82 हजार रुपये थी।
- जबकि उन्होंने एक करोड़ 81 लाख 20 हजार रुपये खर्च किए, जो अर्जित आय से 295 प्रतिशत ज्यादा थी।
- एक करोड़ 35 लाख 38 हजार रुपये का भ्रष्टाचार पाते हुए बीते 14 मार्च 2016 को कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया था।
- आय से अधिक सम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को अदालत ने नियमित जमानत अर्जी खारिज करते हुए 14 नवंबर 2016 को जेल भेज दिया गया।