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वैसे तो पुराणों के अनुसार भारतवर्ष से बहुत सी ऐसी कहानियाँ जुड़ी हैं परंतु हमारे पुराणों के कुछ भाग अभी भी ऐसे हैं जो अब तक अनछुए हैं जी हाँ हमारे वेद-पुराणों में से कई ऐसी कहानियाँ हैं जिन्हें लोग नाममात्र के बराबर जानते होंगे

भगवान शिव का नंदी :

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क्या आप जानते हैं भगवान शिव की सवारी नंदी का जन्म कैसे हुआ था? और इनके माता पिता कौन थे? आइये जानते हैं

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  • भगवान शिव के प्यारे नंदी के जन्म से जुड़ी रोचक कहानी है
  • माना जाता है कि नंदी स्वर्ग से आई गाय कामधेनु व कश्यप के पुत्र हैं
  • नंदी को भगवान शिव के क्रोध को शांत करने के लिए भेट किया गया था
  • दरअसल कामधेनु ने जब बछड़ों को जन्म देना शुरू किया तो उसके दूध में पूरा शिवालय बह गया
  • जिससे ध्यान में बैठे भगवान् शिव क्रोधित हो उठे और उन्होंने कामधेनु को भस्म करने के लिए अपना तीसरा नेत्र खोला
  • जिससे घबराकर देवताओं ने उनका क्रोध शांत करने हेतु नंदी भेंट में दिया, जिसके बाद उनका क्रोध शांत हुआ

इंद्र देव का ऐरावत :

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वैसे तो आप ऐरावत को जानते ही होंगे परंतु आप यह नहीं जानते होंगे कि ऐरावत हाथी का जन्म कैसे हुआ?

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  • पुराणों के अनुसार ऐरावत हाथी का जन्म भगवान ब्रह्मा द्वारा किये गये मंत्र जाप के बाद हुआ
  • आपको बता दें कि ऐरावत हाथी बरसात के बादल लाने की मान्यता से भी जुड़ा हुआ है
  • दरअसल एक बार देव इन्द्र ने एक राक्षस वृतासुर को युद्ध में हराया था उस राक्षस ने धरती पर सूखा ला दिया था
  • तब ऐरावत ने पाताल में जाकर अपनी सूंड में जल भरा था और और उस जल को बादलों में डाला था
  • तब से हाथी को ऐरावत का रूप समझकर इस मान्यता से जोड़ा जाता है

शिव का विब्हस रूप शराभा :

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आपने भगवान शिव को हमेशा शांत स्वरुप ही देखा होगा परंतु क्या आप जानते हैं शिव का एक विब्हस स्वरूप भी है जिसका नाम शराभा है

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  • माना जाता है कि हिर्न्यकश्यपू का वध करने के बाद भगवान विष्णु के अवतार नरसिम्हा बहुत क्रोध में आ गये थे
  • उन्हें शांत करना असंभव हो रहा था, यहाँ तक कि उनके अनन्य भक्त प्रहलाद भी उन्हें शांत नहीं कर पा रहे थे
  • तब देवता घबराकर भगवान शिव की शरण में गये थे और भगवान् शिव ने एक विब्हस रूप धरा था
  • पुराणों के अनुसार शराभा एक नरभक्षी पक्षी था जो दिखने में बेहद भयानक था
  • बताते हैं कि शराभा ने नरसिम्हा को अपने पंखों से घायल किया और काफी दूर तक खीच कर ले गये
  • जिसके बाद भगवान विष्णु शांत हुए थे और अपने रूप में वापस आये थे

भगवान विष्णु के भक्त शेषनाग :

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वैसे तो आपने शेषनाग के बारे में सुना ही होगा परंतु आप यह नहीं जानते होंगे कि शेषनाग के 1000 फन हैं जो पूरी पृथ्वी का भार अपने ऊपर लिए हुए है

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  • पुराणों के अनुसार शेषनाग के 1000 भाई थे जो असुरी प्रवृतियों में लीन थे
  • परंतु शेषनाग ऐसे नहीं थे वे अपने भाइयों कि प्रवृतियों से परेशान आकर हिमालय चले गये थे
  • वहाँ जाकर उन्होंने कड़ी तपस्या कर अपनी व अपने भाइयों की प्रवृतियों के लिए पश्चाताप किया
  • शेषनाग की इस तपस्या से भगवान ब्रह्मा ने खुश होकर उन्हें एक वरदान दिया
  • जिसके तहत उन्हें पृथ्वी का भार दिया गया और यही से संरचना व विनाश शुरू हुआ

भगवान शिव के गले में लिपटा नाग :

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भगवान शिव के गले में लिपटा नाग तो आपने देखा ही होगा परंतु क्या आप इससे जुड़ी कहानियाँ जानते हैं

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  • आपको बता दें कि पुराणों में शिव के नाग की कई कहानियाँ जुड़ी हैं
  • एक कहानी के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था तो शिव के साथ कुछ नागों ने विषपान किया था
  • जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने वासुकि जो नागों का राजा था उसे अपने गले में लपेट लिया था
  • एक और कहानी के अनुसार जब शिव ने विषपान किया था तब इस नाग ने उनका विष गले से नीचे उतरने नहीं दिय था
  • इसके अलावा एक कहानी में शिव के गले में नाग तीन बार लिपटा है जो भूत, वर्तमान व भविष्य को दर्शाता है

नवगुणजरा :

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 क्या आपने ऐसा प्राणी देखा है जो नौ प्राणियों को मिलाकर बना हो ? जी हाँ हमारे पुराणों में एक ऐसा प्राणी भी है जो 9 प्राणियों का मिश्रण है

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  • अपने नाम के अनुसार नवगुणजरा नौ प्राणियों को मिला कर बना है
  • जिसमे से इस प्राणी की कलगी मुर्गे की है व मुँह मोर का है
  • शरीर की बात करें तो इसकी पीठ पर एक कूबड़ है जो ऊँट का है इसकी कमर बाघ की है व पूँछ साँप की है
  • पैरों की बात करें तो यह प्राणी तीन पैरों पर खड़ा है जिसमे से एक हाथी एक बाघ व एक घोड़े का है
  • इस प्राणी का चौथा भाग एक इंसानी हाथ है जो कमल का फूल पकड़े हुए है
  • कहानी के अनुसार यह अर्जुन को भ्रमित करने के लिए कृष्णा का एक रूप था
  • इस प्राणी को जंगल में देख अर्जुन चकित हुए और उसपर निशाना साध लिया
  • जिसके बाद अर्जुन रुके और इस प्राणी का निरिक्षण करने लगे
  • बाद में उन्हें ज्ञात हुआ कि यह भगवान् कृष्णा का रूप है जिसका अर्जुन ने आशीर्वाद लिया

गणेश भगवान का वाहन मूषक :

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आप गणेश भगवान की सवारी मूषक के बारे में तो जरूर जानते होंगे परंतु आप मूषक से जुड़ी इन रोचक कथाओं से अपरचित होंगे

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  • एक कथा के अनुसार एक संगीतज्ञ देव क्रौंचा को मूषक बनने का श्राप मिला था
  • परंतु उनका आकार एक पहाड़ के सामान था जिसके कारण उन्होंने सब नष्ट कर दिया था
  • जैसे ही क्रौंच भगवान गणेश के आश्रम पहुंचे तो उन्हें पकड़ लिया गया
  • जिसके बाद उन्होंने अपने अपराध की क्षमा माँगी और वे गणेश के वाहन बन गये
  • एक और कथा के अनुसार मूषक को कृषक का हितैषी व कृंतक का दुश्मन माना जता है

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