पाकिस्तान के संसद में थारी पहनावा पहने एक हिन्दू महिला पहुंचती है और शपथ ग्रहण करती है। पाकिस्तान के संसद में यह पहली हिन्दू महिला हैं जो सिंध प्रांत स्थित थारपारकर जिले का यह खास पहनावा पहनकर ससंद पहुंची और शपथ ग्रहण की। पाकिस्तान में महिला और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
बता दें कि कृष्णा कुमारी कोल्ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सदस्य हैं जिसके मुखिया बिलावल भुट्टो जरदारी हैं। संघीय और प्रांतीय विधानसभाओं द्वारा 3 मार्च को चुनाव हुए थे। जिसमें उन्हें अल्पसंख्यक सीट से सीनेटर चुना गया। पीठासीन अधिकारी सरदार याकूब खान नासर ने सोमवार को सभी सिनेटरों को शपथ ग्रहण कराया। पाकिस्तान की पहली हिंदू दलित महिला सीनेटर कृष्णा कुमारी कोल्ही ने सोमवार को 51 सिनेटरों के साथ शपथ ग्रहण की। 39 वर्षीय कोल्ही, सिंध प्रांत के नागरपारकर जिले के सुदूर ग्रामीण इलाके की रहने वाली हैं।
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पारंपरिक पहनावे में पहुंची ससंद
कोल्ही सिंध प्रांत के अल्पसंख्यक सीट से सीनेटर चुने जाने के बाद सोमवार को शपथ ग्रहण की। जिन्हें पीठासीन अधिकारी सरदार याकूब खान नासर ने सोमवार को शपथ ग्रहण कराया। इस दौरान इनके साथ 51 अन्य सीनेटरों ने शपथ ग्रहण की। इस दौरान संसद भवन में कृष्णा अपने परिवार के साथ अपने जिले के पारंपरिक थारी पहनावे में पहुंची। पाकिस्तान के सीनेटर के रूप में चुने जाने के बाद पाकिस्तान में महिला और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए एक मील का पत्थर है।
कौन हैं कृष्णा कुमारी कोल्ही
एक गरीब परिवार में जन्मीं कृष्णा आज एक मुकाम पर पहुंच चुकी हैं, जहां वह महिलाओं और अल्पसंख्यकों की आवाज बनेंगी। कृष्णा का जन्म 1979 में सिंध प्रांत के नागरपारकर जिले में हुआ था। उनके पिता जुगनू कोल्ही एक किसान थे। कृष्णा कुमारी कोल्ही और उनके परिवार के सदस्यों ने करीब तीन साल उमेरकोट जिले के कुनरी के एक जमींदार की जेल में बिताये थे। कृष्णा की शादी महज 16 साल के उम्र में ही हो गई थी। उस समय वह कक्षा नौ में पढ़ने वाली छात्रा थी। उनको परिवार का सपोर्ट मिला और पढ़ाई जारी रखी। 2013 में उन्होंने सिंध विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। वह अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी में शामिल हुई थीं।