पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सरकार से लंगर, प्रसाद को जीएसटी से बाहर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धार्मिक संस्थानों में दिए जाने वाले प्रसाद और लंगर को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहिए।
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लंगर, प्रसाद को जीएसटी मुक्त करने की अपील की :
- मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी दी।
- कहा कि मुख्यमंत्री से सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अन्य लोगों व संस्थानों ने अपील की है।
- जिसपर वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इन सामानों को वस्तु एवं सेवा कर से बाहर करने की मांग की है।
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मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र :
- अमरिंदर ने अपने पत्र में जेटली को याद दिलाया है।
- याद दिलाया कि गुरुद्वारा को लंगर में भोजन देने के लिए वैट के भुगतान से छूट दी गई थी।
- लेकिन नई जीएसटी प्रणाली के तहत इस पर कर का भुगतान करना है और साथ ही प्रसाद ब्रिकी पर भी कर देना है।
- इस वजह से सभी धार्मिक संस्थानों मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद और गिरजाघरों पर असर पड़ रहा है।
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जेटली से मामले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया :
- प्रवक्ता ने कहा धार्मिक संस्थानों द्वारा खरीदे गए सामानों पर जीेएसटी कराधान सही नहीं है।
- कहा क्योंकि इन केंद्रों का कोई आय का स्रोत नहीं है और इन्हें दान में मिले धन से चलाया जाता है।
- आगे कहा कि सीएम ने जेटली से मामले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।
- साथ ही सभी धार्मिक संस्थानों को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की।
- कहा इसमें न सिर्फ प्रसाद की खरीद और बिक्री पर, बल्कि लंगर में भी खरीदे जाने वाले सामानों को जीएसटी मुक्त करने की मांग की।
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