भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज दिल्ली में प्रेस वार्ता कर रहे है. कर्नाटक में हुये चुनावों के बाद आज पत्रकारों से बात करते हुए अमित शाह ने कर्नाटक के नतीजे और इसपर बीजेपी के दृष्टिकोण पर बात की.
अमित शाह की ख़ास बातें:
-बीजेपी 40 सीटों से 104 सीटों पर पहुंची.
-हमारी पार्टी का वोट शेयर भी बढ़ा.
-मोदी सरकार ने कर्नाटक की मदद की.
-सबसे बड़ी पार्टी बनाने के लिए जनता का शुक्रिया.
-कर्नाटक में दलितों पर अत्याचार हो रहा हैं.
-हमने कांग्रेस के 5 साल के भ्रष्टाचार और उनकी विफलताओं को मुद्दा बनाकर कर्नाटक में चुनाव लड़ा.
-जहां-जहां बीजेपी मजबूत थी वहां बीजेपी की जीत हुआ.
-उनके मुख्यमंत्री एक सीट से हारे ये बताता है कि ये कांग्रेस विरोधी मैनडेट है.
-कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार किया.
-कर्नाटक में कांग्रेस सरकार विफल.
-कांग्रेस के बड़े मंत्री चुनाव हार गये.
-जनादेश कांग्रेस के खिलाफ.
-सीएम खुद वोट हार गये.
-कांग्रेस किस बात का जश्न मना रही है?
-122 से 78 सीटों पर आ जाने का जश्न, सीएम के हार जाने का जश्न या पीपीपी ( पंजाब, पुडुचेरी और परिवार) पार्टी बन जाने का जश्न मना रही है.?
कांग्रेस को जनता ने नकारा:
-हमने कांग्रेस से 14 राज्य छीन लिये. 9 उपचुनावों में हार बड़ी है या 14 राज्यों के चुनाव में हार बड़ी है, कांग्रेस ने हार में भी जीत ढूढ़ने का नायाब तरीका खोज लिया है.
-जेडीएस उन्हीं उन्हीं सीटों पर जीती जहाँ भाजपा परम्परागत रूप में कमजोर थी.
-जहाँ हमारा संगठन मंजबूत वहां हम जीते.
-परिणाम स्पष्ट बताते है कि जनता ने कांग्रेस को नाकारा है.
-बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा किया था.
-सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्यौता दिया इसमें कोई बुराई मुझे नजर नहीं आती.
-हम दावा पेश नहीं करते तो जनादेश का अपमान होता
-कांग्रेस ने झूठा दावा किया है कि येदियुरप्पा जी ने राज्यपाल से 7 दिनों के लिए बहुमत साबित करने के लिए कहा था। अगर ऐसा होता, तो उन्हें उसके लिए पत्र मांगना चाहिए था। कांग्रेस के वकील ने अदालत में झूठ बोला.
सरकार बनाने का हक हमारा:
-सरकार बनाने का पहला हक हमारा था
-कांग्रेस ने चुनाव में सारी मर्यादाओं को पार किया.
-जेडीएस का पूरा चुनाव प्रचार कांग्रेस के खिलाफ रहा.
-कांग्रेस ने हिन्दू धर्म के विभाजन और लिंगायतों को बांटने का मुद्दा उठाया.
-फेक आईडी और फर्जी मतदाताओं की लिस्ट पकड़ी गई और कांग्रेस के विधायक पर चुनाव आयोग को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी.
-कर्नाटक की जनता जश्न नहीं मना रही है, बल्कि सिर्फ कांग्रेस और जेडीएस मना रहे है.
-एक बदलाव आया है कि कांग्रेस का संवैधानिक संस्थाओं में यकीन बढ़ गया है, अब कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट, ईवीएम और चुनाव आयोग तीनों अच्छे लगने लगे हैं.
-उम्मीद है कि अब कांग्रेस SC पर सवाल नहीं उठाएगी.
-हमने खरीद- फरोस्त की कोई कोशिश नहीं की.
-विधायकों को बंधक नही बनाते तो बीजेपी की सरकार होती.
-कांग्रेस ने चुनाव में धन-बल का इस्तेमाल किया.
-कांग्रेस ने हार में से जीत निकालने का नया फार्मूला बनाया.
– हम पर हॉर्स ट्रेडिंग का गलत आरोप लागाया जा रहा है, कांग्रेस ने तो अपना पूरा अस्तबल ही बेच रखा है.
-गोवा और मेघालय का कांग्रेस उदाहरण देती है, मैं साफ करना चाहता हूं कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस ने सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का दावा ही पेश नहीं किया, मजबूरन राज्यपाल ने दूसरे नंबर के दल (हमें) को बुलाया.