राष्ट्रपति मुख़र्जी ने चुनाव आयोग को लोक सभा और विधान सभा चुनाव एक साथ कराने की मांग की है.राष्ट्रपति के अनुसार इससे प्रबन्धन भी आसानी से हो जाएगा और फ़िज़ूलखर्ची भी बचेगी.
राजनीतिक दलों से मांगें सुझाव
- राष्ट्रपति मुख़र्जी ने चुनाव योग से इस विषय में सभी पार्टियों से बात करने को कहा है.
- अगर इस तरह की नीति के साथ पार्टियाँ एकजुट हो जायेंगीं.
- तो समय पैसे और लोगों को हो रही दिक्कतों में काफी कमी आएगी.
- चुनाव प्रचार से आम लोगों को खासी तकलीफें झेलनी पड़ती हैं.
- संविधान में अगर संशोधन कराने के लिए सहमति बनती है.
- तो जल्द इस नई चुनाव नीति को लागू किया जा सकता
प्रणब मुख़र्जी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर कर रहे थे संबोधित
- 25 जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राष्ट्रपति मुख़र्जी संबोधित कर रहे थे.
- इसी संबोधन में प्रणब मुख़र्जी ने इस नयी रणनीति को लागू करने की बात कही.
- अब चुनाव आयोग राष्ट्रपति मुख़र्जी के इस कथन पर किस तरह पहल करेगा.
- ये देखने वाली बात होगी.राजनीतिक पार्टियाँ इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं.
- इसका भी इंतज़ार रहेगा.राजनीतिक पार्टियों को लोकसभा और विधान सभा
- चुनावों के लिए एकजुट करना मुश्किल होगा.
- जब नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया.
- इस मुद्दे पार उनकी क्या राय होगी ये सब समझ सकते हैं.