सुप्रीम कोर्ट में आज केरल में लव जिहाद मामले पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने शादी की जांच करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर लड़का-लड़की कहते है कि उन्होंने शादी की है तो यह किसी जांच का विषय नहीं हो सकता.

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई जांच एजेंसी किसी के मैरिटल स्टेटस की जांच नहीं कर सकती. अगर लड़का-लड़की कहते हैं कि उनकी शादी हुई है तो इस पर जांच नहीं हो सकती. हालांकि, कोर्ट ने लव जिहाद के मामलों पर एनआईए की जांच का आदेश वापस लेने पर कुछ नहीं कहा. यानी एनआईए जांच जारी रखेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने हदिया उर्फ अखिला को भी मामले में पार्टी बना लिया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 फरवरी को होगी.

बता दें कि कोर्ट ने धर्म परिवर्तन कर निकाह करने वाली हदिया उर्फ अखिला को पिछले साल पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज वापस भेज दिया था. एनआईए ने इस शादी को जिहादी तत्वों की बड़ी साजिश का एक हिस्सा बताया है. कोर्ट के आदेश पर एनआईए इस शादी के अलावा केरल में पिछले कुछ सालों में हुई इस तरह की शादियों की जांच कर रहा है.

क्या है मामला?

केरल के वाइकोम की रहने वाली अखिला तमिलनाडू के सलेम में होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही थी. इसके पिता के एम अशोकन का आरोप है कि हॉस्टल में उसके साथ रहने वाली 2 मुस्लिम लड़कियों ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया. अखिला ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम हदिया रख लिया. जनवरी 2016 में वो अपने परिवार से अलग हो गई.

हदिया के पिता ने दिसंबर 2016 में केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की

हदिया के पिता ने दिसंबर 2016 में केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी गलत हाथों में पड़ गई है. उसे IS का सदस्य बना कर सीरिया भेजा जा सकता है. उन्होंने बेटी को अपने पास वापस भेजने की मांग की. बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.

अन्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे-  मंदिर बनाकर इतिहास रच सकती है केंद्र व प्रदेश सरकार- महंत दिनेश गिरी

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें