एशिया की सबसे धनी मानी जाने वाली महाराष्ट्र महानगर पालिका(बीएमसी) के चुनाव आगामी 21 फरवरी को होने वाले हैं. इसी के मद्देनज़र चुनाव प्रचार५ अपने आखिरी पड़ाव में है. जिसके तहत सभी पार्टियों ने अपनी जीत की तैयारी पक्की कर ली है. साथ ही चुनाव प्रचार के लिए सभी पार्टी दिग्गजों ने अपनी पूरी ताकत झोक दी है.
बीजेपी और शिवसेना हैं एक दूसरे के विपक्षी :
- महाराष्ट्र के महानगर पालिका चुनाव आगामी 21 फरवरी को होने हैं.
- जिसके तहत चुनाव प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है.
- जिसके मद्देनज़र सभी पार्टियां अपना-अपना जोर आजमाने की कोशिश कर रही हैं.
- बता दें कि इस प्रचार में अब सभी पार्टी दिग्गज भी शामिल हो गए हैं.
- जिसके तहत सभी कोशिश कर रहे हैं कि जनता का मत अपने पक्ष में कर सकें.
- परंतु बीते समय में चुनाव की घोषणा के साथ ही महाराष्ट्र को एक ज़ोरदार झटका लगा है.
- दरअसल यहाँ बीते लंबे समय से बीजेपी व शिवसेना का गठबंधन था.
- जो सीटों को लेकर हुए मतभेद के चलते टूट गया है.
- आपको बता दें कि बीजेपी के अनुसार वह 50-50 का फॉर्मूला अपनाना चाहता था.
- परंतु शिवसेना के अनुसार उसे अपने नेताओं के लिए ज़्यादा सीटों की मांग थी.
- जिसके बाद इस मतभेद के बीच इस गठबंधन का अंत हो गया है.
- जिसके बाद बीजेपी व शिवसेना एक दूसरे के विपक्षी बन इस चुनाव में उतरेंगे.
- जिसके तहत बीते दिनों चले प्रचार में शिवसेना प्रमुख ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को अपना निशाना बनाया था.
- साथ ही कहा था कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के प्रचार में भाग ले रहे हैं.
- वहीँ देवेन्द्र फडणवीस ने भी शिवसेना पर निशाना साधा है, जिसके तहत उन्होंने बीएमसी में हुए घोटाले में उद्धव ठाकरे को निशाना बनाया.
- साथ ही आरोप लगाया कि शिवसेना बीएमसी की मदद पर चलती है.
- इसके अलावा कहा कि उन्हें इस मामले में पारदर्शिता नहीं चाहिए इसी कारण उनके द्वारा गठबंधन तोड़ा गया है.
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