बीते दिन महाराष्ट्र के पालघर लोकसभा उपचुनाव के बाद एक चुनाव अधिकारी के गोपनीय VVPAT और ईवीएम मशीने अपनी निजी कार में ले जाने की जानकारी के बाद से ही मामले पर चर्चा गर्म हैं. बता दें कि पालघर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दे दिए हैं.
पालघर लोकसभा उपचुनाव की VVPAT और EVM का मामला:
महाराष्ट्र के पालघर लोकसभा उपचुनाव में सोमवार रात को मतदान समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र में एक चुनाव अधिकारी ने प्रोटोकाल तोड़कर गोपनीय वीवीपैट (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) ईवीएम मशीनों को अपनी निजी कार से मंगलवार सुबह स्ट्रॉन्गरूम पहुंचाया.
इस घटना की पुष्टि करते हुए पालघर के कलेक्टर प्रशांत नारनवरे ने कहा कि चुनाव क्षेत्रीय कार्यालय से रिपोर्ट प्राप्त हुई है और क्षेत्र के सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) के जरिए विस्तार से जांच कराने के आदेश दे दिए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, बस के आने का इंतजार करते-करते थक चुके संबंधित अधिकारी ने घर से अपनी निजी कार मंगा ली. यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसके साथ कोई सुरक्षाकर्मी था या नहीं.
कलेक्टर प्रशांत नारनवरे ने दिए जांच के आदेश:
कलेक्टर प्रशांत नारनवरे ने इसे अधिकारी की बड़ी गलती मानी. किसी भी चुनाव के बाद ईवीएम-वीवीपैट को इस तरह अनाधिकृत तरीके से कही भी नहीं ले जाया जा सकता.
इस बारे में बताते हुए प्रशांत नारनवरे कहा, “दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान खत्म होने के बाद सभी मतदान केंद्रों से सभी वीवीपैट और ईवीएम को लेने के लिए एक विशेष बस भेजी जाती है”.
उन्होंने कहा, “हर बस का एक विशेष मार्ग होता है, जिससे होकर उसे गुजरना होता है और मशीनों को लेकर एआरओ के कार्यालय पहुंचाना होता है. इस मामले में संबंधित अधिकारी ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया”.
बहरहाल संबंधित अधिकारी के नाम का खुलासा अभी नहीं हुआ है. वह दहानु उपजिले के चिंचणी मतदान केंद्र का चुनाव अधिकारी बताया जा रहा है.
उसने मंगलवार सुबह कई ईवीएम-वीवीपीएटी मशीनों को कार में रखकर स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराने के लिए एआरओ के कार्यालय पहुंचाया. जब अधिकारी की यह हैरतअंगेज करामात सामने आई तो उसके और अन्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई.