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आज महात्मा गाँधी की 69वीं पुण्यतिथि है. सारा देश आज गाँधी जी के बलिदान, त्याग और उनका देश की आज़ादी में किया गया संघर्ष को याद कर रहा है. महात्मा गाँधी केवल के व्यक्तित्व ही नहीं था, बल्कि एक विचार धारा थी जिसने भारत की रगो में लहू का काम किया. आज भले ही महात्मा गाँधी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके द्वारा फैलाया गया विचारधारा आज भी जीवित है.
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महात्मा गाँधी की अमर विचारधारा-
- मेरा जीवन मेरा संदेश है।
- जहां प्रेम है वहां जीवन है।
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महात्मा गाँधी की अमर विचारधारा-
- ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो।
- ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
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महात्मा गाँधी की अमर विचारधारा-
सात घनघोर पाप:
- काम के बिना धन,
- अंतरात्मा के बिना सुख,
- मानवता के बिना विज्ञान,
- चरित्र के बिना ज्ञान,
- सिद्धांत के बिना राजनीति,
- नैतिकता के बिना व्यापार,
- त्याग के बिना पूजा।
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महात्मा गाँधी की अमर विचारधारा-
- भगवान का कोई धर्म नहीं है।
- पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
- मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
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महात्मा गाँधी की अमर विचारधारा-
- एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को खुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
- स्वंय को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वंय को औरों की सेवा में डुबो देना।
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