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राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 70वीं पुण्यतिथि आज

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि है. राजघाट पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी और राष्ट्रपति के अलावा कई नेताओं ने राजघाट पर बापू की समाधि को फूल चढ़ाए. इसके बाद सभी ने 2 मिनट का मौन रख महात्मा गाँधी को याद किया. 30 जनवरी 1948 को महात्मा गाँधी को नाथूराम गोड़से ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी.

आज महात्मा गाँधी की 70वीं पुण्यतिथि है. सारा देश आज गाँधी जी के बलिदान, त्याग और उनका देश की आज़ादी में किया गया संघर्ष को याद कर रहा है. महात्मा गाँधी केवल एक व्यक्तित्व ही नहीं थे, बल्कि एक दर्शन थे जिसने भारत की रगो में लहू की तरह बहने का काम किया. आज महात्मा गाँधी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके द्वारा कही गई बातें आज भी जीवित है. बहुत ही बातें उनके जीवन से सीखने को मिलती है.

गाँधी दर्शन:

भगवान का कोई धर्म नहीं है. पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो. मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता. ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो, ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो. मेरा जीवन मेरा संदेश है, जहां प्रेम है वहां जीवन है. एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को खुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है. स्वंय को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वंय को औरों की सेवा में डुबो देना.

गाँधी की हत्या पर बहस आज भी जारी:

महात्मा गाँधी ने अहिंसा के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने को मजबूर तो कर दिया लेकिन इसी देश में उन्हें गोली मार दी गई. नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी. नाथूराम को लेकर आज भी राजनीतिक बहस होती रहती है. उस वक्त दी आयरिश टाइम्स ने लिखा था, ‘ प्रार्थना के रास्ते पर महात्मा गाँधी की हत्या’.. उनकी हत्या के बाद देश में जो द्वेष का माहौल पनपा वो कहीं न कहीं अलग-अलग विचारधाराओं के रूप में आज भी समाज के बीच निरंतर फ़ैल रहा है.

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