एक नज़र में बजट 2021 में प्रमुख आवंटन :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरूआत में कहा कि हमने कोरोना काल में पांच मिनी बजट पेश किए थे. साथ ही सरकार की ओर से आत्मनिर्भर पैकेज की भी घोषणा की गई थी. कोरोना काल में आरबीआई ने 21 लाख करोड़ के पैकेज का एलान किया था.

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- यह बजट ऐसी परिस्थितियों में तैयार किया गया है जो पूर्व में कभी नहीं थी, 2020 में हमने कोविड-19 के साथ क्या-क्या सहन किया उसका कोई उदाहरण नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2.76 लाख करोड़ रूपये की पीएम गरीब कल्याण योजना घोषित की, इसके साथ ही 800 मिलियन लोगों के लिए मुफ्त खाद्यान उपलब्ध कराया.

पीएम ने 80 मिलियन परिवारों को कई महीनों तक मुफ्त गैस मुहैया कराया, 40 मिलियन से अधिक किसानों, महिलाओं, गरीबों के लिए सीधे नकद राशि मुहैया कराई. इस बार हेल्थ सेक्टर का बजट बढ़ाया गया है. आज का बजट 6 स्तंभ पर टिका हुआ है.

बीमारियों पर रोकथाम सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य है. देश में 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर्स का गठन किया जाएगा. सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए सरकार ने 35 हजार करोड़ रुपए दिए हैं. ये बजट आपदा में अवसर की तरह है.

सरकार के रूप में हमने हर स्थिति पर नज़र बनाए रखी और अपने रिस्पांस में हम अत्यन्त मुस्तैद भी रहे, PMGKY और आत्मनिर्भर पैकेज के अलावा कई अन्य घोषणाएं भी की. हमने कोविड-19 के विरूद्ध नागरिकों को चिकित्सा की दृष्टि से सुरक्षित करना शुरू किया, जिसकी बदौलत आज भारत के पास दो कोविड वैक्सीन उपलब्ध है.

सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं. आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया.

2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है. पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना,तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना,पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन.

हमने 100 या उससे भी अधिक देश के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई, पीएम ने वैज्ञानिकों को श्रेय देते हुए इस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया. इतिहास में यह पल एक नए युग के अवतरण की शुरूआत है, भारत सही मायनों में संभावनाओं और उम्मीदों की धरती बनने के लिए तैयार है.

वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने 4.21 लाख करोड़ रुपए खर्च किए. इस वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है.

केंद्र की एक नई योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लॉन्च की जाएगी, इस योजना पर 6 वर्षों में क़रीब 64,180 करोड़ खर्च होगा. जल जीवन मिशन (शहरी) लॉन्च किया जाएगा, जिसका उद्देश्य 4378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शनों के साथ सर्वसुलभ जल आपूर्ति व्यवस्था करना है.

बंगाल में हाइवे पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. बंगाल में 675 किलोमीटर लंबे हाइवे का निर्माण किया जाएगा. साथ ही 8500 किलोमीटर सड़का का निर्माण होगा.

3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत से 13,000 किलोमीटर से अधिक की सड़क पहले ही 5.35 लाख करोड़ रुपये की भारतमाला परियोजना के तहत दी जा चुकी है, जिसमें 3,800 किलोमीटर का निर्माण किया गया है. मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर और नेशनल हाईवे कॉरिडोर का अतिरिक्त 11,000 किलोमीटर को पूरा करेंगे.

एमएसपी में कई बदलाव हुए हैं. सरकार का किसान और ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान है. 6 सालों में सरकार ने एमएसपी डेढ़ गुना किया है. देश में गेंहूं उगाने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है. सरकार ने 2020-21 में किसानों से एक लाख 41 हजार 930 करोड़ का धान खरीदा है.

मार्च 2022 तक हम दूसरे 8500 किमी का ठेका देंगे और राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के 11000 किमी को पूर्ण करेंगे, सड़क अवसंरचना को बढ़ाने के लिए आर्थिक कोरिडोर की योजना भी है. 1.03 लाख करोड़ रूपये के निवेश से तमिलनाडू राज्य में 3500 किमी और 65000 करोड़ रूपये से केरल में 1100 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य चल रहे हैं.

NationFirst के लिए सरकार के आठ संकल्प हैं. 1. किसानों की आय दोगुनी करना, 2. मजबूत बुनियादी ढाँचा, 3. स्वस्थ भारत, 4. बेहतर सुशासन, 5. युवाओं के लिए अवसर, 6. सभी के लिए शिक्षा, 7. महिला सशक्तिकरण और 8. समावेशी विकास.

भारतीय रेलवे ने देश के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार की है, जिसका उद्देश्य हमारे उद्योगों के लिए परिवहन लागत को कम करना है. रेलवे के लिए रेल योजना 2030 तैयार है. रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ का प्रावधान है. सडक़ परिवहन मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान है.

देश में 15 हजार आदर्श स्कूल बनाए जाएंगे. इसके लिए उच्च शिक्षा आय़ोग का गठन किया जाएगा. आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कलू बनेंगे. इससे आदिवासी छात्रों को बड़ी मदद मिल सकेगी. साथ ही देश में 100 सैनिक स्कूल भी बनाए जाएंगे. लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेगी.

सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं की वृद्धि के लिए 18,000 करोड़ रूपये की लागत पर एक नई योजना लॉन्च करेंगे. उज्जवला स्कीम में एक करोड़ और लाभार्थी शामिल होंगे. बीमा कंपनियों में FDI को 49% से बढ़ाकर 74 % करने का प्रावधान किया गया है. अगले पांच वर्षों के लिए कुल 1,41,678 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 लागू किया जाएगा. वर्ष 2021-22 में एक हाइड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत ग्रीन पावर स्रोतों से हाइड्रोजन को पैदा किया जा सकता है.

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