सूखे से बेहाल महाराष्ट्र के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। वाशिम में भी पानी की भयंकर कमी है लेकिन एक शख्स ने केवल 40 दिनों में अपने परिवार वालों के लिए कुआं खोद दिया।
पत्नी को किया गया था पानी लेने से मना
खबर के मुताबिक वाशिम के बापूराव तजने वो काम अकेले कर दिया जिसके लिए 8-10 की जरुरत होती है। बापूराव की पत्नी को एक कुएं के मालिक ने पानी लेने से मना कर दिया था, उस वक्त बापूराव अपनी पत्नी की हुई इस बेईज्जती को झेल नही पाया और उसी दिन उसने कुआं खोदने की ठान ली। इस काम ले लिए उसने अपने घरवालों तक की मदद नहीं ली और वह अकेले ही कुआं खोदने लगा था।
गांववालों को मिल रहा है कुएं का पानी
मजदूरी करके अपना परिवार पालने वाला बापूराव, वाशिम जिले का रहने वाला है। उसके गाँव का नाम कलाम्बेश्वर है।वो रोजाना 6 घंटे खुदाई करता और ये सिलसिला 40 दिनों तक चलता रहा। परिवार वालों को भी उम्मीद नहीं थी कि वो कुआं खोद निकालेगा। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाते थे लेकिन उसको किसी चीज की परवाह नहीं थी और वो पाने काम में मगन रोज कुंए की खुदाई करने में लगा रहता था। कई दिनों की मेहनत के बाद उसे पानी नजर आ गया। अब पूरा गाँव उस कुंए का पानी पी रहा है। पूरा गाँव अब बापूराव की प्रसंसा करते नहीं थक रहा है।
नहीं सहन हुआ अपमान
बापूराव ने बताया कि वो पत्नी का अपमान सहन नहीं कर पाया था। छोटी जाति का होने का दर्द बापूराव की आँखों में दिख रहा था क्योंकि एक छोटी जाति का होने के कारण कुंए के मालिक ने उसकी पत्नी को पानी निकालने से मना कर दिया था।
नाना पाटेकर ने की आर्थिक मदद
एक मराठी चैनल ने उनकी मेहनत को टीवी पर भी दिखाया उसके बाद फिल्म एक्टर नाना पाटेकर ने उनसे फोन पर बात की और जल्द ही मिलने का वादा भी किया। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने उन्हें 5000 रुपये की मदद राशि दी है। इसके अलावा तहसीलदार ने भी बापूराव से मिलकर मदद की पेशकश की है।
आज भी समाज में फैली बुराईयों की वजह से समाज के कुछ पिछड़े वर्गों को आजादी के करीब 70 सालों बाद भी समाज में वो स्थान नहीं मिल रहा है जिसके वो हक़दार है।