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इस दिवाली तनिक विलम्ब से आयेंगे श्रीराम!

mandir politics

दीपों का त्यौहार दिवाली श्रीराम के लंका से वापस आने की ख़ुशी में मनाया जाता है. लेकिन इस बार यूपी में श्रीराम आने में देर सकते हैं. इसके पीछे भी कारण राजनीतिक माना जा रहा है. अयोध्या में ‘रामायण म्यूजियम’ को बीजेपी ने मंजूरी देकर मंदिर पॉलिटिक्स की एक तरीके से शुरुआत कर दी है. हालाँकि बीजेपी का कहना है कि ये स्कीम पहले की है. लेकिन अगर ये स्कीम पहले की है तो अब तक इसे तैयार हो जाना चाहिए था. ऐसा अन्य दलों का कहना है.

अखिलेश भी पहुंचे श्रीराम के शरण में:

चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है. यूपी में सियासत शबाब पर है. कांग्रेस, बीजेपी, बसपा, रालोद और सपा अपने-अपने किले को मजबूत करने में लगे हैं. रैलियों और सभाओं का दौर शुरू होने को है. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव योजनाओं की घोषणा करने में नहीं चूक रहे हैं. इसी क्रम में अखिलेश ने अयोध्या में थीम पार्क बनाने की घोषणा कर दी. इन दोनों घोषणाओं से एक बात तो साफ़ है कि राम मंदिर मुद्दे को लेकर चुनाव में नारेबाजी के अलावा इस क्षेत्र को विकास के नाम पर कुछ नही मिला. अब अखिलेश यादव भी इसी माध्यम से श्रीराम की शरण में जाने का मन बना चुके हैं.

केवल चुनावों में याद आते हैं श्रीराम:

राम मंदिर बनेगा और अयोध्या में ही बनेगा. ये नारा बीजेपी चुनावों से पहले देती आ रही है. इस नारे का असर भी हुआ और बीजेपी को हिंदुत्व के नाम पर वोट बैंक का सहारा भी मिला. लेकिन चुनाव-दर-चुनाव राम बीजेपी की लिस्ट से गायब होते गए. अब यूपी में चुनाव की धमक के बीच श्रीराम को लाने की कवायद शुरू हो गई है. बीजेपी के कई नेता इस चुनावी मुद्दे को उपरी क्रम में स्थापित करने में लगे हैं. राज्यसभा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी राम मंदिर के मुद्दे को लेकर आक्रामक रहे हैं. राम मंदिर के मुद्दे को लेकर हमेशा ही स्वामी बेबाक अंदाज में बोलते रहे हैं.

शिवपाल यादव ने बताया राम मंदिर को बीजेपी का चुनावी एजेंडा:

सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामायण म्यूजियम को मंजूरी दिए जाने पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बीजेपी को चुनाव के वक्त ही अयोध्या और राम मंदिर की याद आती है. शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी केवल चुनावों में श्रीराम को याद करती है. रामायण म्यूजियम के नाम पर अब बीजेपी पर चारों तरफ से हमले होने लगे हैं.

विनय कटियार का ‘लॉलीपॉप’ वार:

बीजेपी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद ने भी बीजेपी की अयोध्या नीति पर वार किया. इसके अलावा उन्होंने अखिलेश के थीम पार्क निर्माण पर भी सवालिया निशान उठाये.

अब जबकि राम मंदिर मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. ऐसे में चुनावी घोषणाओं की बारिश से अयोध्या को भिगोने की कोशिशें की जा रही हैं. कुछ नेता इसे आस्था का मुद्दा मानते हैं वहीँ कुछ इस महज चुनावी जुमला कह रहे हैं. तमाम उठापटक के बीच ऐसा लगता है कि इस दिवाली श्रीराम अयोध्या ना आकर ‘चुनावों’ में ही दर्शन देंगे!

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