आगामी मणिपुर विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र अब गृहमंत्रालय सतर्क हो गया है. दरअसल यहाँ ब्लॉकेड ख़त्म होता नज़र नहीं आ रहा है. साथ ही आगामी 4 व 8 मार्च को यहाँ चुनाव होने हैं. ऐसे में यहाँ की स्थिति पर नियंत्रण करना बेहद ज़रूरी हो गया है. जिसके लिये मंत्रालय कड़े कदन उठाने जा रहा है, बता दें कि मंत्रालाय नगा इलाकों में चुनाव को टालने पर विचार कर रहा है.
अंतिम फैसला करेगा चुनाव आयोग :
- मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र अब सरकार की चिंताएं बढ़ती नज़र आ रही हैं.
- ऐसा इसलिए क्योकि यहाँ ब्लॉकेड ख़त्म होता नज़र नहीं आ रहा है और चुनाव सर पर हैं.
- जिसके तहत अब गृहमंत्रालय नगा इलाकों में चुनाव को टालने के प्रयास पर विचार कर रहा है.
- परंतु अंतिम फैसला चुनाव आयोग ही करेगा कि ऐसे हालातों में यह चुनाव कराये जाएँ या नहीं.
- केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार चुनाव आयोग को मणिपुर की स्थिति से पहले ही अवगत करा दिया गया था.
- परंतु आयोग ने स्थिति को नकारते हुए यहाँ चुनाव घोषित कर दिए हैं.
- जिसके बाद इस स्थिति में चुनाव हो या नहीं यह फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया गया है.
- आपको बता दें कि फिलहाल मणिपुर में जवानों की 170 कंपनियां तैनात हैं.
- जिसमें बॉर्डर गार्डिंग फ़ोर्स भी शामिल है.
- जिसके बाद चुनाव आयोग और 200 के क़रीब कम्पनियां मांग रहा है.
- दूसरी ओर राज्य सरकार का इस स्थिति पर अलग तर्क है,
- जिसके तहत जिन इलाकों में दिक्कतें आ रही हैं, वहाँ पोलिंग पार्टी व एजेंटों को हेलिकॉप्टर के ज़रिए भेजा जा सकता है.
- जिसके बाद अब देखना यह है कि इन स्थितियों में चुनाव आयोग प्रदेश में किस तरह चुनाव करा पाता है
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