मणिपुर में विधानसभा के चुनाव पूर्ण होने के साथ ही एक सत्तापलट देखने को मिला है. बता दें कि यहाँ के चुनावी नतीजों के तहत कांग्रेस पार्टी नंबर वन पार्टी बनी थी. परंतु नतीजे घोषित होने के साथ ही राज्य के विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने की जगह बीजेपी को समर्थन दिया गया था. जिसके बाद यहाँ पर बीजेपी सरकार का गठन हुआ था. परंतु इस निर्णय से कांग्रेस नाखुश नज़र आई साथ ही गोवा की ही तरह यहाँ पर भी बीजेपी को विश्वास मत जैसी परीक्षा से गुज़रना पड़ा है. फिर भी यहाँ बीजेपी द्वारा जीत हांसिल की गयी है.
60 में से 32 विधायकों ने किया समर्थन :
- मणिपुर में विधानसभा चुनाव पूर्ण होने के साथ ही एक पार्टी जीत कर भी हार गयी है,
- तो वहीँ एक पार्टी हार कर भी जीत गयी है, बता दें कि ऐसा सत्तापलट अपने आप में ऐतिहासिक है.
- इस राज्य के चुनावी नतीजों के अनुसार यहाँ पर कांग्रेस पार्टी बीजेपी के कुछ सीट आगे थी.
- जिसके बाद यहाँ कांग्रेस का समर्थन कर सरकार बनने के अंदेशे थे.
- परंतु ऐसा हुआ नहीं बल्कि इसके उलट यहाँ पर बीजेपी को विधायकों का समर्थन मिला और सरकार का गठन हुआ.
- परंतु इस राज्य में इस तरह के निर्णय को कांग्रेस ने गलत ठहराया था.
- साथ ही आरोप लगाया था कि यहाँ पर बीजेपी पार्टी द्वारा विधायकों को पैसे देकर खरीदा गया है.
- जिसके बाद आज बीजेपी को एक अग्नि परिक्षा से गुज़रना पड़ा है.
- जिसके तहत यहाँ के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह व बीजेपी सरकार को विश्वास मत कराना पड़ा.
- परंतु इस विश्वास मत में भी बीजेपी पार्टी ने जीत हांसिल कर खुद को पाक-साफ़ ज़ाहिर कर दिया है.
- आपको बता दें कि यहाँ हुए विश्वास मत में बीजेपी को 60 विधायकों में से 32 किया समर्थन प्राप्त हुआ है.
- जिसके बाद अब यह साफ़ है कि मणिपुर में अगले पांच साल बीजेपी सरकार राज करने वाली है.