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गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान

Martyred Garud commando

देश आज 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस अवसर पर देश भर में जगह-जगह कई कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं. दिल्ली, लखनऊ, पटना, मुंबई, चेन्नई और जयपुर में भी कई कार्यक्रम और परेड का आयोजन किया गया है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. आज का खास आकर्षण दिल्ली के जनपथ पर होने वाली सैन्य परेड है जहाँ देश विश्व को अपनी ताकत से रूबरू कराएगा और साथ ही विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियों की एक झलक भी देखने को मिली.

गरुड़ कमांडो को मरणोपरांत अशोक चक्र

पीएम मोदी ने आज अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ थल सेना प्रमुख विपिन रावत और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर फहराया ध्वज और राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई. वायु सेना के कमांडो ज्योती प्रकाश निराला (मरणोपरांत) को अशोक चक्र प्रदान किया गया. गरुण कमांडो ज्योति प्रकाश बारामुला हमले में शहीद हुए थे. बारामुला में लश्कर के दो आतंकियों को गरुण कमांडो ने ढेर कर दिया था. राष्ट्रपति कोविंद ने शहीद ज्योति प्रकाश के परिजनों को अशोक चक्र भेंट किया तो उनकी आंखों में आंसू छलक आए और वो रुमाल से अपनी आंखें पोछते दिखे.

BSF की महिला बाइकर्स ने दिखाए करतब

आज जनपथ पर परेड में पहली बार स्टंट करती दिखीं बीएसएफ की 106 महिला बाइकर्स. गणतंत्र दिवस परेड में 350 सीसी की 26 रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एरोबेटिक्स व अन्य कलाबाजी में अपना कौशल दिखाया. लद्दाख क्षेत्र में बीएसएफ की सब इंस्पेक्टर स्टैन्जीन नॉरयांग (28) की अगुआई में महिला बाइकर्स ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक दिलेरी का प्रदर्शन किया. इस कौशल की हर किसी ने सराहना की. राजपथ पर 23 झांकियां निकाली गईं जिसमें देश की संस्कृति की झलक देखने को मिली. खास ये रहा कि इस साल पहली बार बीएसएफ की ‘सीमा भवानी’ दल ने बाइक पर स्टंट दिखाया.

10 देशों के प्रमुख एक मंच पर

इन सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण भेजा गया था.म्यांमार की सर्वोच्च नेता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की को भी मुख्य अतिथि के तौर बुलाया गया है. ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया को निमंत्रण भेजा गया है, इससे पहले वो 2012 में भारत आए थे. उनसे पहले किंग नोरोडोम 1963 को भारत आए थे.

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