नयी दिल्ली, 02 मई : दिल्ली-एनसीआर में डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध के खिलाफ टैक्सी ऑपरेटर्स ने आज सुबह विरोध-प्रदर्शन किया और टैक्सी ड्राइवरों द्वारा धौला कुआं के पास दिल्ली-गुड़गांव सड़क को जाम कर दिया गया। टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से उनका रोजगार छीन गया है।
सोमवार का दिन होने के कारण बहुत बड़ी संख्या में लोग सुबह ऑफिस जाने के लिए सड़कों पर होते हैं और अब जाम लगने के बाद वक्त पर ऑफिस पहुंचना तो दूर गाड़ियों की लम्बी लाइन लगे होने के कारण जाम से निकलना सबसे बड़ी चुनौती हो गयी है।
30 अप्रैल को टैक्सी ऑपरेटर्स ने सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच से अवधि दोबारा बढ़ाने की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1 मई से डीजल चालित टैक्सियों पर बैन लगा दिया गया था।
दिल्ली सरकार ने तुरंत जारी किया था आदेश
कोर्ट का आदेश आने पर परिवहन मंत्री गोपाल राय बिना देरी किये हुए 1 मई से डीजल गाड़ियों को बैन करने का आदेश दे दिया था। सरकार का कहना है कि मनमानी करने वालों को असलियत समझना होगा। दिल्ली सरकार इस कोशिश में है कि दिल्ली की सभी गाड़ियां CNG युक्त रहें।
करीब 50 हजार टैक्सियां हट सकती हैं
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर दिल्ली-एनसीआर की करीब 50 हजार से ज्यादा टैक्सियों पर होने वाला है और आम जनता को अब और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ओला और उबर की करीब 13 हजार डीजल से चलने वाली टैक्सी सड़कों से हटेंगी।