जैसा की पुराने समय से चलता आ रहा है कि देश के सभी मंत्रालयों व सरकारी दफ्तरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगह की देख-रेख शहरी विकास मंत्रालय द्वारा की जाती है. परंतु अब से यह ज़िम्मेदारी खुद मंत्रालयों व सरकारी द्फ्तारों को संभालनी होगी. दरअसल नये नियमों के अनुसार अब से सभी सरकारी दफ्तरों फिर चाहे वह मंत्रालय ही क्यों ना हो को अपनी जगह को इस्तेमाल करने का प्रति माह का किराया देना होगा. यही नही इन्हें अब से हर माह का बिजली के बिल का भी भुगतान करना होगा. बता दें कि अब तक यह ज़िम्मेदारी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग(CPWD) संभालता रहा है.
फ़िज़ूल खर्ची रोकने और बचत के लिए उठाये गए कदम :
- देश में लोकतंत्र के गठन के साथ ही एक प्रथा चलती आ रही है.
- जिसके तहत देश के सभी मंत्रालयों के खर्चों की देख-रेख के लिए मंत्रालय का गठन किया गया है.
- जो इन सभी दफ्तरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगहों की देख-रेख यहाँ तक की इन दफ्तरों के बिजली के बिल भी भारती रही है.
- जिस कारण यहाँ पर काम करने वाले नेता व कर्मचारियों को फ़िज़ूल खर्ची की आदत हो गयी है.
- जिसके बाद सरकार द्वारा इस आदत को बदलने के लिए एक नया नियम लागू किया जाना है.
- जिसके तहत अब से इन सभी मंत्रालयों व सरकारी दफ्तरों को जहग इस्तेमाल करने के लिए किराए साथ ही यहाँ पर प्रति माह बिजली के बिल का भी भुगतान करना होगा.
- शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार ऐसा करने से यहाँ पर कर्मचारियों को बचत करने की आदत हो जायेगी.
- उनके अनुसार इस मामले के तहत जल्द ही एक सर्कुलर सभी मंत्रालयों में भेजा जाएगा.
- जिसके बाद से यह नियम सभी मंत्रालयों व सरकारी दफ्तरों को मानना अनिवाय होगा.