मोदी सरकार गरीब और लोअर मीडिल क्लास को उनके खुद का घर का सपना पूरा करा सकती है. ‘बेनामी’ संपत्तियों की नीलामी कर मोदी गरीब लोगों का सपना पूरा कर सकते है. केंद्र सरकार को सचिवों के समूह ने अपनी सिफारिशों में यह सलाह दी है.
इस योजना के लिए कौन से कदम उठाने में जुटी है केंद्र सरकार-
- सरकार को बेनामी संपत्तियों को बेचने की सलाह ऐसे वक्त पर दी गई है,
- जब वह ब्लैक मनी के खिलाफ ठोस कदम उठाने में जुटी है.
- केंद्र सरकार को दी गई सिफारिश में इस तथ्य का भी खुलासा किया गया है.
- काले धन का एक बड़ा हिस्सा बेनामी प्रॉपर्टीज की खरीद में निवेश किया जाता है.
- इस प्रकार की संपत्तियों को बेचकर मिली रकम को अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में व्यय लिया जा सकता है.
- ऐसा करने से घर की कीमत में कमी आएगी.
कुछ सिफारिशों पर सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है-
- ग्रुप ऑफ सेक्रटरीज ने अपनी सिफारिश में कहा कि 90 प्रतिशत ब्रैंडेड मेडिसिन्स जेनेरिक मेडिसिन्स के मुकाबले 5 गुना तक महंगी मिलती हैं.
- ऐसे में हेल्थ, सेनिटेशन ऐंड अर्बन डिवेलपमेंट से जुड़े ग्रुप ने भी सरकार को सलाह दी है कि सस्ती दवाएं मुहैया कराने हेतु जन औषधि स्टोर्स की संख्या को 683 से बढ़ाकर 6,000 तक करना चाहिए.
- उर्वरक मंत्रालय ने शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर सिटी कंपोस्ट के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइंस भी जारी कर दी है .
- इसमें नगर निकायों को सीधे तौर पर किसानों को खाद बेचने की अनुमति दी है.
- साथ ही प्रति टन पन्द्रह सौ रुपये मार्केट डिवेलपमेंट असिस्टेंस भी उपलब्ध कराई जाएगी.
- केमिकल ऐंड फर्टिलाइजर्स मिनिस्टर अनंत कुमार ने बुधवार को इसका ऐलान किया है.
- देश के हर ब्लॉक और ग्राम पंचायत में सरकार ने जन औषधि केंद्र खोलने का निर्णय लिया है.
- मार्च, 2018 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या 10 गुना तक बढ़ाने का फैसला किया है.