आतंकवाद,सीजफायर उल्लंघन और अलगाववाद के चलते अशांति जम्मू कश्मीर में अब धीरे धीरे शान्ति स्थापित होने लगी है। आम कश्मीरियों को पत्थरबाज़ी और अलगाव के लिए भड़काने वाले लोगों की बातों मे अब कश्मीर के लोगों को कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है। जिससे इन अलगाववादियों के सामने अपना रसूख बचाए रखने की चुनौती सामने आ गई है। कश्मीर घाटी में सामान्य हो रहे हालत को ध्यान में रखते हुए पीडीपी ने मोदी सरकार पर अलगाववादियों से बात करने के लिए दबाव बनाया है। लेकिन मोदी सरकार अलगाववादियों को किसी भी तरह की छूट देने के मूड में नही है।
हड़ताल में छूट देकर केंद्र से बात करने की कोशिश कर रहे अलगाववादी
- अलगाववादियों ने केंद्र से बात करने के लिए सप्ताह के अंत में हड़ताल में दो दिन कि छूट दी है।
- लेकिन केंद्र सरकार संविधान के दायरे की शर्त पर कायम है।
- पीडीपी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं।
- दिल्ली दौरे के दौरान मुफ़्ती गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगी।
- इस मुलाकात के दौरान दोनों में विश्वास बहाली के लिए कदम उठाए जाने पर बातचीत संभव है।
- बता दें कि पीडीपी कम उम्र के पत्थबाजों की रिहाई भी चाहती है।
- इसकेअलावा कुछ अलगाववादियों पर से पीएसए हटाने का भी प्रस्ताव है।
- लेकिन केंद्र की सहमति के बगैर ऐसा करना संभव नहीं है।
- गौरतलब है कि अलगाव चाहने वाले लोगों की अपीलें कश्मीर में अब बेअसर साबित हो रही हैं
- इसकी अपीलों के नज़रंदाज़ कर के आम कश्मीरी सामान्य दिनों की तरह कामकाज में जुट गए हैं।
- यही कारण है कि ये अलगाववादी अब बंद और हड़ताल की अवधि को घटा रहे हैं।
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