मोदी सरकरा ने एक बड़ा फैसला लिया है, मोदी सरकार ने हज सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया है,पहली बार 1.75 लाख लोग बिना किसी सब्सिडी के इस बार हज पर जाएंगे.

 

पूरी तरह खत्म हुई हज सब्सिडी…

मोदी सरकार ने एक बार फिर चौकाने वाला फैसला लिया है इस केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए हज यात्रा में दी जाने वाली सब्सिडी को पूरी तरह खत्म कर दिया है.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र को 2022 तक हज सब्सिडी को पूरी तरह खत्म करने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद से ही सरकार हज सब्सिडी को खत्म करने की कवायद कर रही थी.मंगलवार को इस संबध में बड़ा फैसला लिया गया सरकार ने एक झटके में हज सब्सिडी को खत्म कर दिया.इस साल हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नही मिल पाएगा.

सब्सिडी की रकम मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी

सरकार की तरफ से यह बताया गया है कि सब्सिडी की रकम मुस्लिमों के उत्थान के दूसरे कार्यों पर खर्च किया जाएग.सब्सिडी की करीब 700 करोड़ की राशि मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी.इस साल 1.75 लाख लोग हज यात्रा पर जाने वाले है.

बालिग लड़कियों को इजाजत क्यो नही ?

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले नई हज नीति का मसौदा तैयार करने वाली समिति के प्रमुख अफजल अमानुल्ला ने 45 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की अनुमति देने का सुझाव दिया था. सरकार ने इस बार से 45 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की इजाजत दी थी. सऊदी अरब के जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूत रहे अमानुल्ला ने मीडिया से कहा, ‘‘अगर सरकार चाहे तो 45 वर्ष से कम उम्र की मुस्लिम महिलाओं को भी मेहरम के बिना हज पर जाने की इजाजत दे सकती है. अगर कोई भी बालिग लड़का हज पर जा सकता है तो फिर बालिग लड़की क्यों नहीं जा सकती? वैसे, इस बारे में कोई भी कदम सरकार को ही उठाना है.अफजल उन्होंने कहा कि सऊदी अरब सरकार की तरफ से अतीत में ‘मेहरम’ वाली कोई रोक नहीं थी और यह शर्त भारतीय पक्ष की तरफ से थी.

‘सऊदी ने नहीं, भारत ने लगाई थी पाबंदी

इस पूरे मामले की वास्तविक स्थिति के बारे में पूछे जाने पर अमानुल्ला ने कहा, ‘‘इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है कि मेहरम वाली पाबंदी सऊदी अरब सरकार ने लगाई थी. यह रोक भारत की तरफ से थी और अब इसे हटाया गया है. इसे मैं बहुत बड़ा कदम मानता हूं.’’ गौरतलब है कि पूर्व आईएएस अधिकारी अमानुल्ला उस समिति के संयोजक थे जिसने नई हज नीति-2018 की सिफारिश की और इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने 45 वर्ष और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की इजाजत देने सहित कई दूसरे कदम उठाए. इस्लामी परंपरा में ‘मेहरम’ उस शख्स को कहते हैं जिसके साथ महिला की शादी नहीं हो सकती. मसलन, महिला का बेटा, सगा भाई और पिता मेहरम हुए.

नकवी ने पीछले साल इस बारे में दी थी जानकारी

मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बारे में बताया की पिछले साल सवा लाख मुस्लिम हज पर गए थे.वही इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएगे.यह संख्या आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिकर है.नकवी ने यह भी बताया की हज सब्सिडी से बचने वाली राशि सिर्फ मुस्लिम लड़कियों पर खर्च की जाएगी.बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तक खत्म कर देना चाहिए.

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