मोदी सरकार को सत्ता में आये आज तीन साल पूरे हो गए हैं. सरकार बनाने से पहले पीएम मोदी ने न्यू-इंडिया का सपना दिखाया था. पीएम मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा भी दिया था. तीन सालों में पीएम मोदी ने देश को विकास पथ पर लाने के लिए कई प्रयास भी किये. लेकिन उनके बहुत से वादे अभी भी अधूरे हैं.

मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में uttarpradesh.org आप सभी के सामने आकड़ों की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने जा रहा है…

रोज़गार कि स्थिति :

employment

घोषणा पत्र में वायदे-

  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा के चुनावों से पहले वायदे किये गए थे.
  • जिसके तहत कहा गया था कि देश में प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ नौकरियां होंगी.
  • साथ ही देश में लघु-उद्योग आदि क्षेत्रों में ख़ास ध्यान दिया जाएगा.
  • यही नहीं सरकार ने अपने घोषणा पत्र में साफ़ किया था कि वे UPA सरकार जैसी गलती नहीं करेंगे.
  • देश के सभी बेरोजगारों को रोज़गार मिलेगा और देश के युवाओं को विकास के नए आयाम दिए जायेंगे.
  • NDA सरकार द्वारा यह भी कहा गया था कि देश में स्व-रोजगार के अवसर भी बढ़ाये जायेंगे.

तीन साल में रोज़गार कि स्थिति-

  • देश की जनता की माने तो उन्हें अभी तक रोज़गार की दिशा में ज़्यादा बदलाव होते नहीं दिखे हैं.
  • एक सर्वे के अनुसार 63% लोगों का मानना है कि अभी तक देश में रोज़गार में कोई सुधार नहीं है.
  • यही नहीं लेबर ब्यूरो द्वारा दिए गए डाटा के अनुसार देश में रोज़गार कि स्थिति पिछले आठ सालों में सबसे कम रही है.
  • लेबर ब्यूरो के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2015 से 2016 में अप्रैल से दिसंबर तक रोज़गार 5.5 लाख और 2.31 लाख रहा है.
  • यह आंकडा मोदी सरकार द्वारा किये गए वायदों से काफी कम बताये जा रहे हैं.

भ्रष्टाचार की स्थिति :

corruption

घोषणा पत्र में वायदे-

  • UPA सरकार पर निशाना साधते हुए NDA सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करने की बात की थी.
  • घोषणापत्र में कहा गया था कि देश में सभी तरह के भ्रष्टाचार के माध्यमों को ख़त्म कर दिया जाएगा.
  • साथ ही देश में -गवर्नेंस के ज़रिये जनता को सरकार से जोड़ा जाएगा.
  • सरकार द्वारा यह वादा किया गया था कि सभी मंत्रालयों में पारदर्शिता बनाई जायेगी.
  • देश की टैक्स व्यवस्था को बेहतर कर नए आयाम दिए जायेंगे और इसमें भी पारदर्शिता रखी जायेगी.
  • देश भर में काले धन पर भी लगाम कसी जायेगी साथ ही इसके सभी माध्यमों को ख़त्म कर दिया जाएगा.

तीन साल में भ्रष्टाचार की स्थिति-

  • देश में भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनने के साथ ही कई चुनौतियाँ पेश आई.
  • जिसमे से मुख्य है भ्रष्टाचार का मुद्दा जिसके चलते देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति लचर है.
  • आपको बता दें कि मोदी सरकार द्वारा इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाये गए हैं.
  • जिसमे से मुख्य है विमुद्रीकरण का कदम जो देश के लिए बहुत बड़ा निर्णय था.
  • बता दें कि इस कदम के तहत चलन में पुराने 500-1000 के नोटों को बंद कर दिया गया था.
  • ऐसा करने के पीछे कारण था देश में छिपे कालेधन को उजागर कर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना.
  • यह कदम तो सरकार द्वारा उठाया गया परंतु इससे खासा बदलाव होते नज़र नहीं आये हैं.
  • बता दें कि भ्रष्टाचार पर अपनी नज़र रखने वाली संस्थान ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट सामने आई है.
  • इस रिपोर्ट के अनुसार भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 168 देशों में 76वाँ स्थान मिला है.
  • संस्थान की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार भारत एशिया प्रशांत देशों में सबसे ज्यादा घूस लेने वाला देश है.
  • बता दें कि यह सूची उन 16 देशों की है जो एशिया प्रशांत की भूमि में आते हैं.
  • जिसका सीधा मतलब यह है कि हर 10 में से 7 भारतीय अपने काम कराने के लिए घूस देते हैं.
  • जिसने अब सरकार की पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के वायदे की कलाई खोल कर रख दी है.

देश में कृषि कि स्थिति :

Indian-farmer

घोषणा पत्र में किये वायदे-

  • बीजेपी द्वारा लोकसभा के चुनावों में देश की नींव कृषि का भी खास ध्यान रखा गया था.
  • जिसके तहत इन चुनावों के घोषणा पत्र में कृषि को बढ़ावा देने के कई वायदे किये गए थे.
  • घोषणा पत्र के अनुसार कृषि को बढ़ावा देने हेतु सार्वजनिक निवेश में वृद्धि की जायेगी.
  • यही नहीं सरकार द्वारा यह भी कहा गया था कि कृषि को सुधारने के लिए नयी तकनीक को लाया जाएगा.
  • इसके अलावा बीजेपी के घोषणा पत्र में साफ़ लिखा था कि MANREGA को कृषि से जोड़ा जाएगा.
  • सरकार ने यह भी कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी.
  • साथ ही उत्पादन पर हर किसान को उसका 50 प्रतिशत मुनाफ़ा भी होगा.
  • प्रधानमंत्री की विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि को हर संभव प्रयास कर सुधारा जाएगा.

 तीन साल में कृषि और किसानों की स्थिति-

  • जैसा की माना जाता है कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग है.
  • इसलिए देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है.
  • ऐसे में यदि वर्ष 2016 के GDP के आंकड़े देखे जाए तो कृषि में सुधार देखने को मिला है.
  • बता दें कि 2016 की चौथी तिमाही में देश की GDP में कृषि का भाग 51 बिलियन रुपए था.
  • जो 2016 की तीसरी तिमाही में 76 बिलियन रूपये थी जो कि एक बड़ा बदलाव था.
  • औसतन वर्ष 2011 से 2016 तक कृषि का GDP में 31 बिलियन रूपये का भाग रहा है.
  • वहीँ यदि किसानों से जुड़ी योजनाओं की बात की जाये तो इसमें निराशा देखने को मिली है.
  • सरकार के शुरुआती दो साल वर्षा कम होने के चलते सूखे की स्थिति पैदा हो गयी थी.
  • आपको बता दें कि सरकार के शुरुआती सालों में वर्षा केवल 14 प्रतिशत ही रही थी.
  • जिसके चलते इसका सीधा प्रभाव किसानों की आय और उनके मुनाफे पर पड़ा है.
  • बता दें कि पीएम मोदी द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दिगुना करने की बात कही गयी थी.
  • जिसपर NSSO की रिपोर्ट के अनुसार हर दस साल में कृषि क्षेत्र की SAS रिपोर्ट पेश की जाती है.
  • इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2002-03 और 2012-13 की रिपोर्ट की तुलना की गयी है.
  • चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर(CAGR) के अनुसार इस दस साल के अंतराल में नोमिनल आय 8 प्रतिशत रही है,
  • वहीँ रियल आय के अंतर्गत इसका आंकडा 5 प्रतिशत रहा है.
  • जिसके तहत नोमिनल आय को दोगुना होने के लिए छह साल चाहिए,
  • वहीँ रियल आय को दोगुना होने के लिए करीब 20 साल का समय होना चाहिए.
  • ऐसे में पीएम मोदी 2022 तक किन आकड़ों में किसानों की आय को मांप रहे हैं यह समझना मुश्किल है.
  • मोटे तौर पर समझा जाए तो अभी कृषि के क्षेत्र को विकास करने के लिए काफी इंतज़ार करना होगा.

इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में विकास :

infrastructure

घोषणा पत्र में किये वायदे-

  • मोदी सरकार के घोषणापत्र में देश के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर को भी अहम माना गया है.
  • जिसके तहत उनके घोषणापत्र में इससे जुड़े विकास के भी कई बिंदु शामिल किये गए थे.
  • घोषणापत्र में कहा गया था कि देश में फ्रेट कॉरिडोर और औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा.
  • यही नहीं सरकार ने वादा किया था कि उत्तरपूर्वी क्षेत्र और घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा.
  • जिसके लिए सरकार कई तरह के हाईवे और रेलवे लाइन्स बनायेगी और विकास करेगी.
  • यही नहीं सरकार द्वारा अपने घोषणापत्र में सरकारी और प्राइवेट पार्टनरशिप की बात भी कही गयी है.

तीन साल में इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए बदलाव- 

  • मोदी सरकार ने तीन सालों में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा ध्यान दिया है.
  • जिसके तहत बीजेपी सरकार ने अपने घोषणापत्र में जो भी बिंदुओं का उल्लेख किया था,
  • उनमे से काफी को सरकार द्वारा पूरा किया गया है और बहुत से अभी पूरे होने बाकी हैं.
  • अब तक पीएम द्वारा जिन प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया है वे हैं सगरमाला प्रोजेक्ट,
  • भारतमाला प्रोजेक्ट, मुंबई ट्रांस हारबर लिंक(शिवाजी मेमोरियल), अरुणाचल प्रदेश को रेल मैप पर लाना,
  • सेतु भारतम प्रोजेक्ट, विभिन्न जलमार्ग बनाना और नदियों को इनसे जोड़ना,
  • गुजरात-गोरखपुर गैस पाइपलाइन, चारधाम हाईवे प्रोजेक्ट, झारखण्ड मल्टी-मॉडल टर्मिनल,
  • जम्मू-कश्मीर की चिनैनी-नाशरी सुरंग, असम का ढोला सदिया पुल जिसका उद्घाटन जल्द ही होने जा रहा है.
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