मध्य प्रदेश में पुलिस भर्ती प्रक्रिया के दौरान एक के बाद विवाद उठते जा रहे है. प्रशासन द्वारा भर्ती प्रक्रिया को लेकर की जाने वाली कार्रवाई से लोग सखते में है. भर्ती प्रक्रिया के दौरान अभ्यार्थियों के सीने पर एससी/एसटी लिखने के बाद एक और नया मामला सामने आया है. जिसमे मेडिकल टीम महिला और पुरुष अभ्यार्थियों का एक ही कमरे में चेकअप कर रहे है.
युवतियों के चेकअप के लिए महिला डॉ तक मौजूद नहीं:
मध्य प्रदेश में चल रही पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यार्थियों का चेस्ट पर एससी एसटी लिखने का मामले का ठंडा नहीं हुआ था कि विभाग के एक और कारनामे से कॉन्सटेबल की भर्ती प्रक्रिया फिर से सुर्खियों में आ गई है। भिंड में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के वक्त युवक और युवतियों का मेडिकल टेस्ट एक ही कमरें में सबके सामने कर दिया। इतना ही नहीं टीम में महिला अभ्यार्थियों के चेकअप के लिए कोई महिला डॉक्टर भी नहीं थी।
मंगलवार को जिला अस्पताल भिण्ड में एक ही कमरे में युवक और युवतियों का मेडिकल चेकअप हुआ। सभी नियमों को दरकिनार करते हुए जांच टीम ने युवतियों के सामने युवकों को अर्धनग्न कर उनका चेकअप किया। यही नहीं, युवतियों के मेडिकल टेस्ट के लिए कोई भी महिला डॉक्टर टीम में मौजूद नहीं थी। उनका चेकअप खुद पुरुष डॉक्टर कर रहे थे।
अभ्यार्थियों के चेस्ट पर एससी/एसटी लिखने पर भी विवाद:
बता दें कि भिंड पुलिस लाइन में 217 महिला और पुरुष कॉन्सटेबल की भर्ती हुई। भर्ती के बाद अलग-अलग चरणों में जिला अस्पताल में अभ्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट करवाया जा रहा है। मंगलवार को 21 युवक और 18 युवतियों का मेडिकल टेस्ट करवाया गया। मामले पर जब अस्पताल से जुड़े अधिकारियों से बात की गई तो वह जवाब देने से बचते नजर आए। फिलहाल देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बयान:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से धार और भिंड में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए चिकित्सा परीक्षाओं के दौरान हुई प्रशासनिक हरकत पर कहा, “हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जांच चल रही है.”