केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं पर तेजाब फेंकने वालों के लिए मौत की सजा की पैरवी की. मणिपुर की राज्यपाल डॉ नजमा हेपतुल्ला ने तेजाब फेंकने को सबसे बदतर अपराध बताया.
‘तेजाब फेंकने से बुरी कोई चीज नहीं’-
- मेनका ने वरिष्ठ पत्रकार प्रभा ज्योति की पुस्तक ‘एसिड वाली लड़की’ के विमोचन के मौके पर अपने विचार प्रस्तुत किये.
- मेनका ने कहा कि तेजाब पीड़िताओं की दशा देखकर खून खौलता है.
- उन्होंने कहा, ‘तेजाब फेंकने वाले को 10 साल की सजा मिलती है, लेकिन मेरा बस चले तो मैं इन्हें मौत की सजा दूं.’
- उन्होंने कहा कि मांग की जाती है कि तेजाब पीड़िताओं को सरकारी नौकरी दी जाए लेकिन क्लर्क या टाइपिस्ट की नौकरी उनके स्तर की नहीं हैं.
- अगर वे इस घटना की शिकार नहीं हुई होतीं तो वे शिक्षिका या किसी अन्य क्षेत्र में होतीं.
- आगे उन्होंने कहा कि यह कत्ल से भी ज्यादा बुरा है क्योंकि पीड़िता यह दर्द जिंदगी भर झेलती है.
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेजाब फेंकने वालों इंसान कहलाने के लायक ही नहीं है.
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‘लोगों को जागरूक करने की जरूरत’-
- राज्यपाल ने कहा कि इन मामलों पर अगर जल्दी फैसला हो तो लोगों के मन में डर पैदा होगा.
- नजमा ने कहा कि तेजाब फेंकने वालों के लिए उम्र कैद की सजा होनी चाहिए.
- पुस्तक के बारे में राज्यपाल ने कहा, ‘ जब मैंने यह किताब देखी तो मेरी आंखों में आंसू आ गए.’
- उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में बताया गया है कि कैसे तेजाब किसी की जिंदगी को बदल देता है.