मंगलवार, 29 नवम्बर को जम्मू कश्मीर में दोहरा आतंकी हमला किया गया था । इस हमले में नगरोटा आर्मी कैंप और सांबा सेक्टर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया था ।जिसमे 2 मेजर सहित 7 भारतीय जवान शहीद होगये थे। लेकिन बता दें कि इस हमले से एक दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने सैन्य शिविरों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर तीनों सेनाओं को दिशा-निर्देश जारी किए थे।
6 महीने पहले ही बनाई गई थी ये गाइडलाइन
- आतंकियों द्वारा जम्मू कश्मीर में किये गए दोहरे में 2 मेजर सहित 7 जवान शहीद हो गये।
- ये हमले नगरोटा आर्मी कैंप और सांबा सेक्टर में गश्त कर रहे सुरक्षा बलों पर किये गए।
- लेकिन गौरतलब है की इस हमले से एक दिन पहले ही तीनों सेनाओं को गाइडलाइन दे दी गई थी।
- बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने सैन्य शिविरों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर तीनों सेनाओं को दिशा-निर्देश जारी किए थे।
- ये गाइडलाइन लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कंमोज कमेटी कि रिपोर्ट पर आधारित थीं।
- जो की पठानकोट हमले के बाद बनाई गई थी।
- इस रिपोर्ट को मई में ही रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया था।
- जिसे एक महीने के अन्दर ही तीनों सेनाओं तक भेजा जाना था।
- लेकिन इस रिपोर्ट को तीनों सेनाओं तक पहुँचने में 6 महीने लग गए।
- रक्षा मंत्रालय की मानें तो डाफ्ट्र पर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ व्यापक विचार विमर्श की प्रक्रिया में इतना समय लग गया ।
- इस रिपोर्ट में पठानकोट हवाई ठिकाने पर सुरक्षा में खामियों पर प्रकाश डाला गया है।
- साथ ही इस रिपोर्ट में मिलिट्री की उन सब तकनीकों का जिक्र किया गया है जो कि मौजूदा दौर में उसके पास हैं।
- इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मिलिट्री यूनिट की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसके कमांडिंग ऑफिसर और उसके बाकी साथियों की होगी।
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