गत वर्ष अक्टूबर महीने में दिल्ली के प्रसिद्ध जवाहरलाल यूनिवर्सिटी से एक छात्र जिसका नाम नजीब अहमद है अचानक गायब हो गया था. जिसके बाद पुलिस द्वारा लाख कोशिशों के बाद भी वह ढूंढा नहीं जा सका है. जिसके अथात अब यह मामला दिल्ली के हाईकोर्ट में चल रहा है. इस मामले के मद्देनज़र कोर्ट न अब नजीब के गायब होने के पीछे संदिघ्दों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं.
चार महीने बाद भी नहीं मिला कोई सुराग :
- दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे नजीब अहमद मामले में अब कोर्ट द्वारा एक आदेश जारी किया गया है.
- जिसके तहत कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सभी संदिघ्दों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं.
- हाईकोर्ट ने बीते दिन चल रही सुनवाई के तहत कहा कि अब तक चार महीने हो चुके हैं,
- परंतु अभी तक इस मामले में कोई सुराग नहीं मिला है, न ही गायब हुए छात्र का पता चला है.
- ऐसे में संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना ही उचित होगा.
- आपको बता दें कि यह मामला न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी तथा न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ के अंतर्गत है.
- पीठ मामले में संदिग्ध नौ छात्रों में से एक छात्र के आवेदन पर सुनवाई कर रही थी.
- आवेदन में हाई कोर्ट के 14 दिसंबर व 22 दिसंबर 2016 के आदेशों को वापस लेने का आग्रह किया गया है.
- बता दें कि आवेदन में कहा गया है कि इन दो आदेशों के जरिए अदालत जांच के तरीके को विनियमित कर रही है.
- जिसके बाद जांच पूर्वाग्रह युक्त हो गई है,
- साथ ही संविधान के अनुच्छेद 21 व 22 के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.
- आपको बता दें कि इस मामले में एक छात्र ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए नोटिस को भी चुनौती दी है.
- जिसमें उसे लाई-डिटेक्टर टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने के तहत अदालत में पेश होने को कहा गया है.
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