देश का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रहा है. 65वां पुरस्कार समरोह कई विवादों के बीच शुरू हुआ. बता दें कि इस बार सभी विजेताओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुरस्कार नहीं देंगे, जिसकी वजह से विजेता इस बात से नाराज हैं. इसी सब में ट्वीटर पर भी कई फ़िल्मी हस्तियों ने नाराजगी जताई है.
राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार न मिलने से विजेता नाराज़:
आज देश की राजधानी दिल्ली में विज्ञान भवन के परिसर में नेशनल अवॉर्ड्स विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जाएगा. हर साल की तरह इस साल भी देशभर से कई अभिनेताओं-अभिनेत्रियों, निर्देशकों को इस अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. पर इस बार अवॉर्ड समारोह से पहले ही बड़ा विवाद भी शुरू हो गया है. दरअसल कुछ लोग इस बात से नाराज हैं कि नेशनल अवॉर्ड उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिलने की बजाय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों दिया जाएगा.
बता दें कि राष्ट्रपति के हाथों सिर्फ 11 कलाकारों को ही अवॉर्ड्स दिया जाना है, जिसके चलते करीब 70 कलाकार इस अवॉर्ड समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं.
Film awards row erupts: President to present just 11, many livid
131 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में से सिर्फ 11 को ही राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पुरस्कृत किए जाने की बात पर पुरस्कार विजेताओं सहित सिने जगत की अन्य हस्तियों ने भी नाराजगी और निराशा जताई है.
समारोह को बॉयकॉट करने वाले फिल्ममेकर मेघनाथ ने गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम कमर्शियल फिल्ममेकर्स नहीं हैं। वह 65 साल पुरानी परंपरा को तोड़ रहे हैं। उन्हें हमें पहले ही बताना चाहिए था कि वह अवॉर्ड नहीं देंगे। यह एक परंपरा है, जो राष्ट्रपति द्वारा निभाई जाती है। एक फिल्म बनाने में कई साल लगते हैं और राष्ट्रपति को अवॉर्ड देने में सिर्फ एक मिनट।’
लड्डू, धूप और जोड़ी ब्रेकर जैसी फिल्म डायरेक्ट करने वाले फिल्ममेकर अश्विनी चौधरी ने इसे नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स के इतिहास का काला दिन कहा है.
The Indian Film Industry should come out in open and take a stand against the humilation of National Film Awardees who are going to skip the award ceremony today. Dark day in the history of #NationalFilmAwards
— Ashwini Chaudhary (@DhoopAshwini) May 3, 2018
वहीं ऑस्कर विजेता साउंड डिजाइनर रेसुल पूकुट्टी ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि अगर भारत सरकार हमारे सम्मान में अपना तीन घंटे का समय भी नहीं दे सकती तो उन्हें हमें राष्ट्रीय पुरस्कार देने की जहमत नहीं उठानी चाहिए. हमारे 50 फीसदी से ज्यादा पसीने की कमाई आप मनोरंजन कर के रूप में ले लेते हैं, हमारी जो प्रतिष्ठा है कम से कम उसका तो सम्मान कीजिए.
If the Govt.Of India cannot earmark three houres if it’s time, they should not bother us giving us #NationalAward. More than 50%of our sweat you take it as entertainment tax,the least you could do is respect the values we hold dear!
— resul pookutty (@resulp) May 3, 2018
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी ट्वीट किया कि “उन्होंने लिखा कि हम पूरा साल इस अवॉर्ड के लिए मेहनत करते हैं. राष्ट्रपति का इसे देने के लिए समय ना निकाल पाना काफी दुखद है.”
National Film Award 2018: 11 winners who will be honoured by President Kovind
https://twitter.com/ashokepandit/status/991943314311172096
परजानिया और रईस जैसी फिल्में बनाने वाले फिल्ममेकर राहुल ढोलकिया ने भी लिखा कि नेशनल फिल्म अवॉर्ड पाना कलाकारों के लिए लाइफटाइम अनुभव होता है.
one of the reason the National Film Awards are prestigious is because they are handed by the @rashtrapatibhvn -not a minister. This is a moment of a lifetime for Film makers ; please don’t deprive them of their merit / glory #NationalFilmAwards @smritiirani @Ra_THORe
— rahul dholakia (@rahuldholakia) May 3, 2018
विवादों के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने अवॉर्ड देने की शुरुआत की. मध्यप्रदेश को मिला मोस्ट फिल्म फ्रेंडली राज्य का अवॉर्ड, साथ ही उत्तराखंड को इसी कैटेगरी में स्पेशल मेंशन अवॉर्ड से नवाजा गया