देश के बहुचर्चित इशरत जहाँ मुठभेड़ के मामले में दिन प्रतिदिन नयी बातों का खुलासा हो रहा है। हाल ही में गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आर.वी.एस.मणि ने ये आरोप लगाया था कि, इशरत मुठभेड़ मामले में उनपर एफिडेविट बदलने के लिए पी.चिदम्बरम ने दबाव बनाया था। इसके अलावा इशरत जहाँ मुठभेड़ के मामले की जांच से जुड़े एसआईटी के पूर्व अधिकारी पर उन्होंने इशरत को आतंकी न बताने के लिए सिगरेट से दागे जाने का आरोप लगाया था।
एसआईटी अधिकारी ने आरोपों का किया खंडन:
गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी मणि ने एसआईटी के अधिकारी सतीश वर्मा पर जिन आरोपों को लगाया है, उनका पूर्व अधिकारी ने खंडन करते हुए कहा कि, उनपर जो भी आरोप लगे हैं वो बेबुनियाद हैं। उन्होंने ये भी कहा की मणि मामले को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि यदि ऐसा हुआ है तो यह एक अपराध है। जिसके खिलाफ वो कानूनी कार्रवाई कर सकते थे। उन्होंने ये भी कहा की पुलिस जांच में गवाहों के बयान रिकॉर्ड किये जाते हैं, उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं, यदि उनपर दबाव बनाया गया था, तो उनके दिए हुए बयान पर उनके हस्ताक्षर का प्रश्न ही नही था।
पूर्व अंडर सेक्रेटरी का पलटवार:
गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी द्वारा एसआईटी के पूर्व अधिकारी पर लगाये गये आरोपों के खंडन के बाद पूर्व अंडर सेक्रेटरी मणि ने पलटवार करते हुए कहा की, उनके पास अभी भी वह पैंट है, जिसमें उन्हें सिगरेट से दागा गया था। गौरतलब है की अंडर सेक्रेटरी मणि ने पी. चिदम्बरम तथा एसआईटी के अधिकारी सतीश वर्मा पर 2004 में अहमदाबाद में हुई मुठभेड़, जिसमें इशरत जहाँ व तीन अन्य लश्कर के आतंकवादी मारे गये थे, मुठभेड़ को फर्जी बताने, एफिडेविट में बदलाव तथा इशरत को आतंकी न बताने के लिए उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।