दिल्ली समेत Smog का कहर उसके आस-पास के इलाकों जैसे जयपुर, लखनऊ, कानपुर, पटना तक पहुँच चुका है, वहीँ दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) शनिवार 11 नवम्बर को मामले की एक बार फिर से सुनवाई करेगा, गौरतलब है कि, शुक्रवार को भी NGT ने बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को लेकर सुनवाई की थी, सुनवाई के दौरान NGT ने दिल्ली सरकार को उसकी लापरवाही के लिए फटकार भी लगाई थी।
दिल्ली सरकार ने साल भर कुछ नहीं किया:
- देश की राजधानी की हवा में घुल रहे जहर को लेकर NGT शनिवार को एक बार फिर से मामले की सुनवाई करेगा।
- वहीँ NGT ने शुक्रवार को भी मामले की सुनवाई की थी।
- शुक्रवार को हुई सुनवाई में NGT ने दिल्ली सरकार को उसकी लापरवाही के लिए फटकार लगायी थी।
- इसके साथ ही NGT ने ऑड-इवन को लेकर भी दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण माँगा।
- सुनवाई के दौरान NGT ने कहा कि, दिल्ली सरकार ऑड-इवन को इस तरह लागू नहीं कर सकती है।
- साथ ही NGT ने कहा कि, दिल्ली सरकार यह साबित करे कि, इससे पॉल्यूशन कम होगा, वरना इस आदेश पर रोक लगा दी जाएगी।
हालात सुधरने पर ऑड-इवन क्यों?
- NGT ने दिल्ली सरकार से आगे पूछा कि, जब हालात सुधरने लगे हैं तब ऑड-इवन किसलिए?
- आप चाहते तो इसे पहले ही लागू कर सकते थे, अब इसे लागू करने से लोगों को परेशानी होगी।
- गौरतलब है कि, ऑड-इवन स्कीम तभी शुरू की गयी जब प्रदूषण का स्तर 300 के पार पहुँच गया।
- आपने साल भर तक दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया।
- NGT ने ये भी कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी इस स्कीम को लागू करने के लिए नहीं कहा।
- गौरतलब है कि, SC समेत NGT ने दिल्ली सरकार को 100 से ज्यादा आप्शन प्रदूषण के बचने के लिए दिए थे।
- लेकिन सरकार ऑड-इवन को ही लागू करती रही।
- इसी आधार पर NGT ने कहा कि, इस फ़ॉर्मूले को लागू करने का स्पष्टीकरण आपको लोगों को देना होगा।
- साथ ही NGT ने ये भी पूछा कि, आपने टू-व्हीलर्स और महिलाओं को इस स्कीम से बाहर क्यों रखा?
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